डीएवी स्कूल के वैदिक चेतना सम्मेलन में सुनाई दी वेद ऋचाओं की गूंज




नवीन चौहान
डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल में आयोजित दो दिवसीय वैदिक चेतना सम्मेलन का शानदार तरीके से शुभारंभ हुआ। डीएवी स्कूल के बच्चों के मुख से वेद ऋचाओं के स्वर गुंजायमान हुए। स्कूली बच्चों ने भारतीय संस्कृति और देशभक्ति से ओतप्रोत प्रस्तुतियां दी। बच्चों और अभिभावकों को आर्य समाज से जुड़ी तमाम गतिविधियों की जानकारी दी गई। मुख्य अतिथि डॉ महावीर अग्रवाल, मैनेजर जेके कपूर, प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित ने अपने—अपने संबोधन में स्कूली बच्चों को मन लगाकर पढ़ाई करने और श्रेष्ठ नागरिक बनकर अपने भारत देश का नाम विश्व पटल पर गौरवांवित करने का मंत्र दिया। करीब तीन घंटे तक चले इस अनूठे कार्यक्रम में स्कूली बच्चों और अभिभावकों के मन मस्तिष्क पर एक अमिट छाप छोड़ी। अदभुत, अलौकिक कार्यक्रम में मौजूद उपस्थितजनों में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ। तथा बच्चों में भारतीय संस्कृति से प्रेम करने की अलख दिखाई दी।


प्रतिस्पर्धा के इस युग में अंग्रेजी शिक्षा का ज्ञान अर्जित कर अपनी संस्कृति और संस्कारों से जोड़े रखना डीएवी का मुख्य उद्देश्य है। इसी के चलते डीएवी प्रबन्धकर्तृ समिति, नई दिल्ली के प्रधान एवं डीएवी स्कूल के चेयरमैन पूनम सूरी के निर्देशन पर प्रतिवर्ष बच्चों में वैदिक चेतना की अलख जगाने के लिए वैदिक चेतना सम्मेलन का आयोजन डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल जगजीतपुर में किया जाता है। उन्ही के निर्देशों पर 4 और 5 नवंबर को दो दिनों तक चलने वाले वैदिक चेतना सम्मेलन का शानदार आग़ाज़ हुआ। कार्यक्रम का शुभारम्भ गायत्री मंत्र के साथ दीप प्रज्ज्वलन से किया गया, तत्पश्चात् डीएवी गान गाया गया।


कार्यक्रम के मुख्य वक्ता एवं मुख्य अतिथि महावीर अग्रवाल का स्कूल प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित जी ने पुष्प गुच्छों से शाल ओढ़ाकर स्वागत किया। कार्यक्रम में स्कूल प्रबन्धक जेके. कपूर एवं उनकी भार्या श्रीमति रीता कपूर भी कार्यक्रम में सम्मिलित हुई। मैनेजिंग कमेटी के कुलभूषण सक्सेना, श्रीमति सरोज देवी, डीएवी कोटद्वार के प्राचार्य धीरज कुमार सिंह इत्यादि अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित रहे तथा बच्चों का उत्साहवर्धन किया।


मुख्य अतिथि महावीर अग्रवाल ने कहा कि आज हम सभी अपने बच्चों को संस्कारवान एवं श्रेष्ठ बनाना है तो अपनी जड़ों से जुड़ा रहना होगा। अभिभावकों को अपने बच्चों को शिक्षावान एवं संस्कारवान बनाना होगा। यदि हम सही में अपने बच्चों को आर्य बनाना चाहते हैं, देश को अच्छे नागरिक देना चाहते हैं तो उन्हें अपनी संस्कृति, अपनी सभ्यता, अपने संस्कारों से जुड़ा रहना होगा।

    

उन्होनें विद्यालय प्रबन्धक जेके. कपूर एवं प्रधानाचार्य पीसी. पुरोहित की भूरि-भूरि प्रशंसा की और कहा कि ये उनके ही निर्देशन एवं कार्यकुशलता का प्रमाण है कि आज डीएवी हरिद्वार के अग्रणी स्कूलों में शुमार है। इस कार्यक्रम में कक्षा दो से कक्षा बारह तक के 730 विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया तथा लगभग 1500 अभिभावकों एव अन्य अतिथियों ने उपस्थिति दर्ज कराई।

कार्यक्रम में सर्वप्रथम उत्तराखंड अचंल के मंगल कामना गीत की प्रस्तुति में विद्यार्थियों ने कार्यक्रम को सफल बनाने की प्रार्थना की। उसके बाद प्राथमिक कक्षा के विद्यार्थियों ने अतिथियों का स्वागत करते हुए एक समूह गान ‘‘आपको शत् नमन’’ प्रस्तुत किया। विद्यालय प्रबन्धक  जे.के. कपूर  ने विद्यालय प्रधानाचार्य को इस भव्य कार्यक्रम में उन्हें निमन्त्रण देकर उन्हें इस कार्यक्रम का हिस्सा बनाने के लिए धन्यवाद भी दिया।

   

अभिभावकों को दिए अपने संदेश में उन्होंने कहा कि हर माता-पिता को अपने बच्चों को समय अवश्य देना चाहिए, उनकी दिनचर्या के बारे में उनसे विस्तार में चर्चा करनी चाहिए ताकि बच्चों को सब प्रकार से संबल मिलता रहे, उनका निर्देशन ठीक प्रकार से हो तथा अपने जीवन में प्रत्येक को एक शौक चाहे वह संगीत का हो अथवा खेल-कूद, चित्रकारी, बागवानी अथवा नृत्य का हो, अवश्य रखना चाहिए जो भविष्य में उनके काम अवश्य आएगा। बच्चों के साथ-साथ माता-पिता को भी मोबाइल से अत्याधिक प्रयोग से बचना चाहिए। अपने आशीष देकर विद्यार्थियों एवं शिक्षकों का उत्साह बढ़ाते हुए एक अच्छा कार्यक्रम प्रस्तुत करने का आशीर्वाद दिया।
कक्षा दो एवं तीन के नन्हें विद्यार्थियों ने वेद मंत्रोच्चारण करते हुए अपनी भाव-भंगिमाओं से उनके अर्थ अक्षरक्षः प्रस्तुत किया।


कक्षा तीन से कक्षा सात तक के विद्यार्थियों ने ‘‘लगन तुमसे’’ एक सुन्दर भजन प्रस्तुत कर माहौल कोे पूर्णरूपेण भक्तिमय कर दिया।
राष्ट्रभक्ति गीत पर नृत्य- जय भारती’’ एवं राष्ट्रभक्ति गीत- हम करे राष्ट्र आराधन की प्रस्तुति देकर बच्चों ने अपने राष्ट्रप्रेम को दर्शाते हुए उपस्थितजनों की तालियाँ बटोरीं। तत्पश्चात् कार्यक्रम की अंतिम प्रस्तुति में जीवोत्पत्ति के पाँच प्रमुख तत्व ‘आकाश, वायु, जल, अग्नि एवं पृथ्वी’ को दर्शाते हुए सुन्दर नृत्य प्रस्तुत किया गया साथ ही साथ स्वच्छ भारत अभियान की आवश्यकता उपस्थितजन को दर्शायी गई।

स्वामी दयानन्द  के जीवन के कुछ अंश मंच पर साक्षात् प्रकट कर विद्यार्थियों दर्शकों की वाहवाही लूटी तथा यह सिद्ध कर दिया कि डीएवी विद्यालय केवल किताबी ज्ञान ही नहीं वरन् वैदिक संस्कृति से भी अपने विद्यार्थियों को जोड़े रखने की कोशिश निरन्तर कर रहा है।
अन्त में विद्यालय के प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित ने मुख्य अतिथि महावीर अग्रवाल, उनकी भार्या  वीणा अग्रवाल, विद्यालय प्रबन्धक जेके.कूपर एवं उनकी भार्या  रीता कपूर, उपस्थित एलएमसी मैम्बर्स तथा अभिभावकों का विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन करने के लिए तथा अपना अमूल्य समय देने के लिए हार्दिक धन्यवाद दिया।



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