नवीन चौहान
डीएवी के नन्हे मुन्ने बच्चों ने मातृ दिवस के अवसर पर अपनी प्रतिभा के जलबे दिखाकर अपनी—अपनी माँ को गौरवांवित किया। बच्चों ने सांस्कृतिक और रंगारंग प्रस्तुतियां देकर मां को विशेष सम्मान दिया। अपने बच्चों के नन्ने पैरों को मंच पर थिरकता देख माँ की आंखे नम हो गई। वही उपस्थितजनों को भी अपना बचपन और माँ से जुड़ी यादें ताजा हो गई।
पृथ्वी पर माँ साक्षात ईश्वर का रूप है । माताओं के प्रति अपने सम्मान और प्रेम को प्रदर्शित करते हुए डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल जगजीतपुर में नन्हें-मुन्ने विद्यार्थियों ने मातृ दिवस पूरे धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया। भव्य कार्यक्रम का आयोजन डीएवी स्कूल की नर्सरी विंग की ओर से किया गया। स्कूल के प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित व बुजुर्ग महिला अभिभावक ने दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। गायत्री मंत्र और डीएवी गान से विद्यालय का हाॅल गूँज उठा। अभिभावकों को संबोधित करते हुए प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित ने कहा कि माता-पिता बच्चों के लिए उनके आदर्श होते हैं, यदि वे सही मार्ग पर चलते हैं तो बच्चा स्वयं संस्कारवान बन जाता है। प्रकाश के लिए दीए को स्वयं जलना पड़ता है। बच्चे का भविष्य बनाने के लिए माता-पिता जी-जान से प्रयास करते हैं। हमारी सभी गतिविधियाँ बच्चे ग्रहण करते है। इसीलिए अभिभावकों को अनुशासन में रहकर ही बच्चों को प्रेरित करना चाहिए।
बच्चों ने दिखाए प्रतिभा के जौहर
यूकेजी के विद्यार्थियों ने स्वागत गीत गाकर अभिभावकों का स्वागत किया तो दूसरी तरफ नर्सरी तथा एलकेजी के नन्हें बच्चों ने नृत्य की छटा बिखेरी। चैतन्य नेगी, स्निग्धा तनेजा, ऋचा आर्या, पूनम शाह आदि ने अपनी कविताओं से सबका मन मोह लिया। दिव्यांश तथा कृतिका के एकल नृत्य को खूब सराहा गया।
नन्हें-नन्हें बच्चों की इस सुन्दर प्रस्तुति को सभी के द्वारा सराहना मिली। सुपरवाइज़री हैड कुसुम बाला त्यागी ने इस अवसर पर सभी उपस्थित अभिभावकों को धन्यवाद देते हुए बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।