DAV के दो दिवसीय वैदिक चेतना सम्मेलन में नव भारत की झलक




नवीन चौहान
डीएवी सेन्टेनरी पब्लिक स्कूल हरिद्वार में चल रहे दो-दिवसीय वैदिक चेतना सम्मेलन के दूसरे दिन के कार्यक्रम का आगाज़ बहुत ही भव्य तरीके से हुआ। कार्यक्रम का आरम्भ होने से पूर्व विद्यालय की यज्ञशाला में यज्ञ के द्वारा ईशस्तुति कर परमपिता परमात्मा से कार्यक्रम की सफलता हेतु आशीष कामना की गई। सांयकाल में कार्यक्रम के मुख्य वक्ता सुरेन्द्र शर्मा, उनकी पत्नी उपस्थित रही। कार्यक्रम का शुभारम्भ डीएवी गान से हुआ। सेकेण्ड्ररी एवं सीनियर सेकेण्ड्र कक्षाओं के छात्राओं ने ईश्वर से मंगल कामना की। एक सुन्दर गान, नृत्य ‘जागी हो’ प्रस्तुत कर उत्तराखण्ड की संस्कृति एक अति सुन्दर झलक प्रस्तुत कर खूब तालियाँ बटोरी। प्राथमिक एवं मिडल कक्षाओं के विद्यार्थियों ने सुन्दर स्वागत गीत ‘मूर्तिमान कल्याण पधारो’ प्रस्तुत कर उपस्थितजन का स्वागत किया।
   
विद्यालय प्रबन्धक जेके कपूर ने अपने संबोधन में कहा कि सभी अभिभावक अपने बच्चे का बाल्यकाल में हर प्रकार से ध्यान रखते है। माता पिता अपने बच्चों को किसी और के भरोसे नहीं छोड़तेंं। लेकिन जब बच्चों को स्कूल भेजने का वक्त आता है तो अभिभावकों का सबसे ज्यादा विश्वास स्कूल के शिक्षक—शिक्षिकाओं पर होता है। अभिभावक अपने मन में यह विचार करके भेजते है कि उसके बच्चे को एक अच्छी शिक्षा देकर उसमें मानवता का विकास स्कूल प्रबंधन करेंगा। इसी जिम्मेदारी का निर्वहन डीएवी स्कूल पूरे मनोभाव से कर रहा है। विद्यालयों के शिक्षक पूरी कर्तव्यनिष्ठा के साथ अपने शिक्षक धर्म का पालन कर रहे है। अभिभावकों को पूर्ण संतुष्टि देते है। कि उनका बच्चा सुरक्षित है। मैनेजर जेके कपूर ने कहा कि अपने जीवन में प्रत्येक व्यक्ति को एक शौक अवश्य रखना चाहिए। चाहे वह शौक संगीत, खेल-कूद, चित्रकारी, बागवानी, नृत्य का हो। जो भविष्य में उनके काम अवश्य आएगा। बच्चों के साथ-साथ माता-पिता को भी मोबाइल का अत्याधिक प्रयोग नहीं करना चाहिए। अपने आशीष देकर विद्यार्थियों एवं शिक्षकों का उत्साह बढ़ाते हुए एक अच्छा कार्यक्रम प्रस्तुत करने का आशीर्वाद दिया।
     
मुख्य वक्ता एवं मुख्य अतिथि सुरेन्द्र शर्मा ने कहा कि विद्यालय में प्रवेश करते ही उनके मन में वैदिक चेतना के भाव उत्पन्न होने लगे। हम अपनी दिनचर्या में इतने व्यस्त हो गए हैं कि उस परमपिता की ओर हमारा ध्यान नहीं जाता है। अंततः सभी मनुष्यों का निज स्थान तो वही है। डीएवी इस कार्यक्रम के द्वारा उस चेतना को भी जगाने का प्रयास कर रहा है। मैं आज इस कार्यक्रम में वैदिक चेतना के लगाए गए पौधे को खाद पानी देने का प्रयास करने आया हूँ। ताकि यह एक विशाल वृक्ष में परिवर्तित हो इस धरा को कई और दयानन्द और विवेकानन्द दे सके ।
  
इस कार्यक्रम में कक्षा दो से कक्षा बारह तक के 500 विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया तथा लगभग 1400 अभिभावकों एव अन्य अतिथियों ने उपस्थिति दर्ज कराई।
कक्षा पाँच के विद्यार्थियों ने श्रीमद् भगवतगीता के श्लोकोच्चारण द्वारा आत्मा एवं परमात्मा के सम्बन्ध को चेताया।
कक्षा छः के छोटे से कवि संयुक्त आर्य ने वीर रस की कविता से सभी उपस्थित अतिथियों को देशभक्ति से ओत-प्रोत कर खूब तालियाँ बटोरी। उसके बाद प्राथमिक कक्षा के विद्यार्थियों ने ‘ओ3म् नाम सबके लब पे’ सुन्दर भजन द्वारा माहौल को फिर से भक्तिमय कर दिया। सीनियर कक्षा के विद्यार्थियों ने ‘ए वतन मेरे वतन’ गीत पर एक सुन्दर नृत्य द्वारा अपने राष्ट्रप्रेम की झलक प्रस्तुत की और प्राथमिक कक्षा के विद्यार्थियों ने एक सुन्दर कव्वाली द्वारा फिर से माहौल को भक्ति की तरफ मोड़ दिया। कक्षा 5 से कक्षा 8 तक के विद्यार्थियों ने ‘आज़ादी का त्यौहार’ गीत द्वारा सभी प्रस्तुत जनों को राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्य का स्मरण कराया। 1980 से 2055 तक के समय की झलक प्राथमिक कक्षा के बच्चों ने ऐसे प्रस्तुत की कि सभी को अपना अतीत स्मरण हो आया साथ ही साथ भविष्य की झलक दिखाकर सभी को पर्यावरण के प्रति अपने दायित्व को चेता कर रोमांचित कर दिया। पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण का सुन्दर संदेश इस नाटक ‘कल, आज और कल’ द्वारा दिया गया। कार्यक्रम की अंतिम प्रस्तुति ने एक छोटा उत्तराखण्ड डीएवी की धरा पर विद्यार्थियों ने खड़ा कर दिया, विद्यार्थियों की इतनी भव्य और सुन्दर प्रस्तुति ने गढ़वाल के सौन्दर्य को साक्षात् प्रस्तुत कर दर्शकों की खूब तालियाँ बटोरी।
    
अन्त में विद्यालय के प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित ने मुख्य अतिथि सुरेन्द्र शर्मा, उनकी भार्या, विद्यालय प्रबन्धक  जे.के.कूपर  एवं उनकी भार्या  रीता कपूर, उपस्थित एलएमसी मैम्बर्स तथा अभिभावकों का विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन करने के लिए तथा अपना अमूल्य समय देने के लिए हार्दिक धन्यवाद दिया। प्रधानाचार्य जी ने सभी शिक्षकों एवं अन्य स्टाॅफ मैम्बर्स का इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए धन्यवाद दिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में मुख्य रूप से मंच संचालिका  प्रतिभा शर्मा,  पूनम गक्खड़,  दीपमाला शर्मा,  वरूण शर्मा,  अनीता रावत, कुसुम बाला त्यागी,  हेमलता पाण्डेय एवं  मनोज कपिल की महत्वपूर्ण भूमिका रही।



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