dav के फूड कोर्ट में स्वच्छ भारत मिशन की झलक, जानिये पूरी खबर




IMG_20171222_215932, नवीन चौहान हरिद्वार। संस्कारों का बीज अंकुरित करने वाले डीएवी स्कूलों में स्वच्छ भारत मिशन की झलक दिखलाई दी। हरिद्वार डीएवी स्कूल ही नहीं अपितु भारत के विभिन्न राज्यों से आये डीएवी के बच्चे कमोवेश एक जैसे ही दिखाई दिये। सभी बच्चों ने प्रतियोगिता के दौरान पूरा अनुशासन दिखाया। फूड कोर्ट में सफाई रखी। इसका अंदाजा आप फूड कोर्ट के फोटो को देखकर लगा सकते है जहां तीन हजार से अधिक बालिकाओं और शिक्षक, शिक्षिकाओं ने एक साथ भोजन किया। लेकिन एक कूड़े का तिनका भी किसी बच्चे ने कहीं पर नहीं गिराया। अनुशासित बालिकाओं फूड कोर्ट में साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखकर सभी के दिलों को जीत लिया है।IMG_20171222_220324
महर्षि दयानंद के विचारों से प्रभावित होकर महात्मा हंसराज ने भारत के भविष्य का निर्माण करने के लिये डीएवी स्कूलों की एक श्रृंखला
शुरू की। भारत की संस्कृति का जिंदा रखने के लिये स्कूल के विद्यार्थियों को वेद ऋचाओं का ज्ञान दिया जाने लगा। महात्मा हसंराज के द्वारा स्थापित इन स्कूलों ने भारत के विभिन्न राज्यों में अपनी शाखायें बनाई। अंग्रेजी शिक्षा के साथ-साथ वेदों का ज्ञान स्कूली बच्चों को नर्सरी से ही दिया जाने लगा। डीएवी स्कूलों के करीब 990 स्कूल, कॉलेज, मेडिकल कॉलेज और विश्वविद्यालय का एक विराट परिवार पूरे भारत में बन गया। इस विशाल सामाज्य के परिवार में करीब 20 लाख विद्यार्थी, 60 हजार शिक्षक, शिक्षिकायें और स्टॉफ है। IMG_20171222_210521इस विशाल परिवार को भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से स्वच्छ भारत मिशन और गंगा रक्षा का संकल्प मिला। इसी का नजारा हरिद्वार में आयोजित बालिकाओं की नेशनल स्पोर्ट्स मीट में देखने को मिला। जब न्यूज 127डॉट कॉम ने बालिकाओं के भोजन स्थल प्रेम नगर आश्रम में जाकर पड़ताल की तो चकित रह गये। फूड कोर्ट में जहां IMG_20171222_210146तीन हजार से अधिक बच्चों ने एक साथ भोजन किया वहां एक भी कूड़ा करकट दिखाई नहीं दिया। बच्चों ने बेहद अनुशासन में भोजन किया। भोजन का सम्मान किया। भोजन के एक भी दाने की बर्बादी तक नहीं होने दी। इसी के साथ फूड कोर्ट की सफाई देखकर आश्रम के प्रबंधक भी बच्चों की प्रशंसा करने से खुद को रोक नहीं पाये। हरिद्वार डीएवी स्कूल के प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित ने बताया कि स्कूलों में बच्चों को साफ-सफाई और अनुशासन में रहने के लिये सजग किया जाता है। ये अभियान सभी डीएवी स्कूलों में चलाया जाता है।

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डीएवी के फूड कोर्ट में बालिकाओं के खाने की व्यवस्था पूरे एक शादी समारोह की तर्ज पर की गई थी। भोजन में गुणवत्ता का बेहद खास ख्याल रखा गया था। फूड कोर्ट की इंचार्ज कुसुम बाला त्यागी ने एक बार तो खाने की कुछ सामग्री को रिजेक्ट तक कर दिया। उन्होंने कहा कि बच्चों के स्वास्थ्य से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। जिसके बाद बच्चों के एक बार फिर ताजा खाना बनवाया गया।



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