नवीन चौहान
एसीजेएसडी प्रथम की कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज नहीं करने के मामले में रानीपुर कोतवाली प्रभारी साधना त्यागी को कोर्ट की अवमानना का नोटिस जारी किया गया हैं। अधिवक्ता अरूण भदौरिया ने माननीय न्यायालय से गुहार लगाई थी कि मुकदमा दर्ज करने के कोर्ट के आदेश के बावजूद रानीपुर कोतवाली प्रभारी ने मुकदमा दर्ज नहीं किया है। वही इस मामले में कोतवाली प्रभारी साधना त्यागी ने बताया कि जिस मुकदमे में निगरानी डाल दी जाती है। उसमे मुकदमा दर्ज नहीं किया जाता हैं।
कनखल जगजीतपुर रूद्र बिहार कालोनी निवासी अधिवक्ता अरूण भदौरिया ने वीर चंद्र सिंह गढ़वाली स्वरोजगार योजना में गलत तरीके से लोन दिये जाने की शिकायत कोर्ट से करते हुए मुकदमा दर्ज करने की गुहार लगाई थी। करीब आठ साल लंबी सुनवाई के बाद इस मामले में एसीजेएसडी प्रथम की कोर्ट ने 19 जनवरी को आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश जारी कर दिए। इस मामले में शिकायतकर्ता अधिवक्ता अरूण भदौरिया ने बताया कि 25 जनवरी को कोर्ट का आदेश रानीपुर कोतवाली पुलिस को मिल गया। लेकिन रानीपुर कोतवाली पुलिस ने 25,26,27 और 28 जनवरी तक इस आदेश पर मुकदमा दर्ज नहीं किया। जो कि माननीय न्यायालय के आदेश का विपक्षी ने जानबूझकर अवहेलना की है। जिसके लिए विपक्षी साधना त्यागी पूर्णतया उत्तरदायी हैं। अधिवक्ता अरूण भदौरिया ने बताया कि कोर्ट ने रानीपुर कोतवाली प्रभारी साधना त्यागी से एक फरवरी को रिपोर्ट दाखिल करने का समय दिया हैं। जब इस मुकदमे की बाबत रानीपुर कोतवाली साधना त्यागी से बात की तो उन्होंने बताया कि उन्होंने कोर्ट के आदेश की अवहेलना नहीं की है। इस मुकदमे में निगरानी आदेश आ गया था। जिसके चलते मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि माननीय कोर्ट के आदेश का अक्षरश पालन किया जायेगा। जब उनके पूछा गया कि आदेश मिलने के तत्काल बाद मुकदमा दर्ज क्या नहीं किया गया तो उन्होंने जानकारी नहीं होने की बात की। आखिरकार इस पूरे मामले में पुलिस का रवैया ढुलमुल दिखाई दिया। इस हाईप्रोफाइल धोखाधड़ी के प्रकरण में कई सफेदपोशों भी संदेह के घेरे में आ गए है।