कोरोना ने भूख प्यास से तड़पाया और मकान मालिक ने निकाला




नवीन चौहान
कोरोना संक्रमण का प्रभाव मानव जीवन को कितना प्रभावित कर रहा है इसकी बानगी का अंदाजा हकीकत को देखकर लगाया जा सकता है। 60 साल के बुजुर्ग को मजदूरी मिलना बंद हो गई तो मकान मालिक ने भी कमरा खाली करा दिया। भूख प्यास से तड़पता हुआ बुजुर्ग राजकुमार भटनागर एक समाजसेवी राम गुप्ता के दरवाजे पर पहुंचा। जहां उसको भोजन मिला और अपने घर लौटने के लिए 1000 की आर्थिक मदद भी मिली। कोरोना संक्रमण के चलते आर्थिक संकट का सामना कर रहे राजकुमार कोई अकेले नही है। ऐसे सैंकड़ों परिवार इन दिनों भूखे पेट सो रहे है।
यूपी के हरदोई निवासी राजकुमार भटनागर 60 वर्ष की आयु में मेहनत मजदूरी करके अपना पेट भर रहे थे। लेकिन कोरोना काल में उनका रोजगार चला गया। मजदूरी मिलना बंद हो गई तो मकान का किराया तक नही दे पाए। आखिरकार मकान मालिक ने भी कमरा खाली करा दिया। राजकुमार ने आश्रमों में रोटी खाकर गुजारा चलाया। लेकिन काम की उम्मीद फिर भी ना दिखी। अब राजकुमार की अपने घर जिंदा जाने की चाहत थी। इसी उम्मीद के साथ वह लोगों के दरवाजे पर मदद मांगने पहुंचे। जहां उनकी मुलाकात एक दयालु व्यक्ति राम गुप्ता से हो गई। राम गुप्ता ने भोजन कराया और उनकी व्यथा सुनी। उनकी आंखे भर आई। जिसके बाद राजकुमार को ​घर जाने के लिए एक हजार रूपये देकर आर्थिक सहयोग दिया। राम गुप्ता राजकुमार के लिए अवतार बनकर आए। लेकिन इस आपदा की घड़ी में जब गरीब आदमी संकट से गुजर रहा है तो कितने राम सामने आयेंगे। विचारणीय



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