नवीन चौहान
कोरोना का प्रकोप भारत में सिर चढ़कर बोल रहा है। जिसके चलते कारोबारियों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। लेकिन सबसे बड़ी क्षति तो साहित्य जगत को हो रही है। कवि सम्मेलनों के तमाम कार्यक्रम कैंसिल हो रहे है। होली पर्व भी कवियों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा।
चीन से चला कोरोना वायरस भारत पहुंच चुका है। भारत में भी कई इलाकों में कोरोना के संदिग्ध मरीज पाए गए है। जिसके चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश भर में चिकित्सीय सुरक्षा के तमाम प्रबंध करने के निर्देश जारी किए है। इसके अलावा प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से जनता को भीड़ से दूरी बनाकर रखने की अपील की गई है। जिसके चलते जनता में कोरोना वायरस का खौफ दिखाई देने लगा है। इसका सीधा असर साहित्य जगत पर पड़ा। भारत के विभिन्न स्थानों पर आयोजित होने वाले कवि सम्मेलन कैंसिल कर दिए गए है। कवि सम्मेलन के आयोजकों ने भी प्रोग्राम से दूरी बनाई हुई है। 10 मार्च को होली पर्व के अवसर पर भी कवियों को कोई खास काम नही मिला। फिलहाल साहित्य जगत आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। कोरोना वायरस का प्रभाव कवियों के कार्यो पर पड़ा है।