नवीन चौहान
हरिद्वार जनपद की ज्वालापुर कोतवाली में तैनात एक कांस्टेबल ने अपने घर पर पंखे से लटककर आत्महत्या करने का प्रयास किया। ये महज इक्तेफाक था कि घर पर मौजूद परिजनों की नजर उस पर पड़ गई और उसे नीचे उतारा जा सका। गनीमत रही कि परिजनों ने कांस्टेबल को सुरक्षित बचा लिया। सूचना पर पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। कांस्टेबल को हायर सेंटर रैफर किया गया है। पुलिस को कमरे से कोई सुसाइड नोट बरामद नही हुआ है। कांस्टेबल के एकाएक आत्महत्या करने की वजह स्पष्ट नही हो पा रही है। घटना सिडकुल थाना क्षेत्र की है।
मूल रूप से जनपद चमोली निवासी दिलबर साल 2007 में बतौर कांस्टेबल पुलिस महकमे में भर्ती हुआ। दिलबर की तैनाती ज्वालापुर कोतवाली में मालखाना मोहर्रिर के पद पर है। जबकि सिडकुल के नवोदय नगर में दिलबर अपनी पत्नी और बच्चों और परिजनों के साथ रहता है। कोतवाली प्रभारी मनोज मैनवाल ने बताया कि रविवार की रात्रि करीब 12 बजे दिलबर डयूटी पूरी करने के बाद घर चला गया। लेकिन सुबह पौने दो बजे सूचना मिली कि दिलबर ने आत्महत्या का प्रयास किया है। जिसको उसके परिवार वाले नजदीक के अस्पताल में लेकर गए है। परिजनों से कोई खास जानकारी नही मिल पाई है। फिलहाल दिलबर को हायर सेंटर रैफर कर दिया गया है।
बताते चले कि उत्तराखंड पुलिस महकमे में कांस्टेबल के आत्महत्या करने के पूर्व में कई मामले है। चार दोस्तों की मौत एक अबूझ पहेली बनी हुई है। ऐसे में एकाएक दिलबर के आत्महत्या करने के प्रयास ने पुलिस महकमे को एक बार फिर चिंता में डाल दिया है। पुलिस अधिकारी ये जानने का जरूर प्रयास करेंगे कि दिलबर किसी पारिवारिक परेशानी में था या कोई अन्य कोई विभागीय बात है जो उसे मानसिक परेशान कर रही है। फिलहाल उसके ठीक होने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पायेगी। और तमाम सवालों के जवाब मिल पायेंगे।