नवीन चौहान
लोकसभा चुनाव में हरिद्वार सीट पर कांग्रेस से अंबरीश कुमार का टिकट फाइनल होने के बाद से कांग्रेसियों में खलबली मच गई है। हरीश रावत गुट के कांग्रेसी नेता बेहद आहत है। वह कांग्र्रेस के सच्चे सिपाही तो बने रहना चाहते है लेकिन अंबरीश कुमार के लिए काम नहीं करने का मन बना लिया है। कांग्रेसी नेताओं के बीच बातचीत का ये ऑडियो कांग्रेस की अंदरूनी हकीकत की पोल खोल रहा है। इन नेताओं ने अंबरीश कुमार के लिए ऐसे शब्दो का प्रयोग किया जिसको हम अपने पाठको को सुना नहीं सकते हैं। लेकिन कुल मिलाकर कहा जाए तो कांग्रेस प्रत्याशी अंबरीश कुमार अपनी ही पार्टी के नेताओं का विश्वास खो चुके हैं। हरदा की पूरी टीम नैनीताल चुनाव प्रचार के लिए रवाना हो रही है। ऐसे में अंबरीश कुमार को इस चुनाव को जीतने के लिए पूरी मेहनत करनी होगी। जिसके आसार कम ही नजर आ रहे हैं।
अम्बरीश कुमार का टिकट फाईनल होते ही कांग्र्रेस की अंदरूनी गुटबाजी खुलकर सामने आ गई है। ऑडियो में जिस भाषा का कांग्रेस प्रत्याशी के लिए इसतेमाल किया जा रहा है वह कांग्रेस की गुटबाजी और कांग्र्रेस प्रत्याशी की हार की इबादत की कहानी बयां कर रहा है। ऑडियो में नेताओं के बीच साफ कहा जा रहा है कि अम्बरीश कुमार वोट के मामले में हरिद्वार और ज्वालापुर तक ही सिमटकर रह जाएंगे। बेहतर होता कि हाईकमान अम्बरीष कुमार की बजाय डा. संजय पालीवाल को टिकट देता। जिससे कांग्रेस चुनावी समर में कम से कम बनी तो रहती। नेताओं का मानना है कि हरिद्वार सीट पर अब मुख्य मुकाबला भाजपा और बसपा के बीच ही रह गया है। कहा जा रहा है कि कांग्रेसी होने के नाते कांग्रेस के साथ बाहरी तौर पर वे खड़े तो रहेंगे किन्तु प्रत्याशी के लिए काम नहीं करेंगे। कारण की प्रत्याशी का कोई जनाधार नहीं है और आलाकमान भी कांग्रेस प्रत्याशी के व्यवहार से अवगत है। ऐसे में टिकट देना हरिद्वार से कांग्रेस का स्वंय सफाया करने जैसा है। ऑडियो में यहां तक कहा गया कि यदि बात कर रहे दोनों नेताओं में से कोई भी चुनाव मैदान में उतरता तो भाजपा प्रत्याशी को कड़ी टक्कर दे सकता था। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्वंय कांग्रेसी अपनी पार्टी के प्रत्याशी को कितना कमजोर मान रहे हैं। नेताओं ने अपने उम्मीद्वार की हार को स्वीकार करते हुए हाईकमान द्वारा लिए गए निर्णय को गलत ठहराया। बताचीत में कहा गया कि हाईकमान की अदूरदर्शिता के चलते ही आज कांग्रेसी नेता बसपा व भाजपा का दामन थाम रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस की गुटबाजी का अनुमान लगाया जा सकता है। कुछ कांग्रेसी अम्बरीश के विरोध में हैं। कुछ अपने प्रत्याशी के लिए काम करने से इंकार कर रहे हैं तो कुछ हरिद्वार के कांग्रेसी नैनीताल जाकर हरीश रावत के लिए चुनाव प्रचार करेंगे। ऐेसे में हरिद्वार में कांग्रेस की हालत क्या होगी स्वंय अंदाजा लगाया जा सकता है।