सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की पहल पर नैनीताल होगा स्वच्छ




नवीन चौहान
बदलते दौर में स्वस्थ जीवन के लिए सीवरेज का प्रबन्धन जरूरी हो गया है। जिलाधिकारी सविन बंसल ने बताया है कि जनस्वास्थ को दृष्टिगत रखते हुये तथा वातावरणीय स्वच्छता के मद्देनजर हल्द्वानी तथा नैनीताल मे सीवरेज कार्य तथा एसटीपी निर्माण के लिए शासन द्वारा धनराशि निर्गत की गई हैै।
बंसल ने बताया कि हल्द्वानी महानगर में एसटीपी निर्माण के लिए 35 करोड की धनराशि शासन द्वारा स्वीकृत की गई है। एसटीपी प्लांट का निर्माण इन्दिरा नगर खनन गेट के समीप किया जायेगा। इस प्लांट के निर्माण के लिए टैंडर प्रक्रिया गतिमान है, टैंडर फाइनल होते ही धनराशि शासन से जारी होगी। श्री बंसल ने बताया कि हल्द्वानी महानगर में पेयजल निगम द्वारा अमृत योजना के अन्तर्गत ब्रांच सीवर लाईन के 7 परियोजनायें गतिमान हैं जिसके लिए 15 करोड की धनराशि अवमुक्त हो चुकी है। उन्होने बताया कि नैनीताल नारायणनगर रूसीबाई पास में 3 करोड की लागत से बनने वाले एसटीपी प्लांट बनाया जायेगा।


पेयजल निगम तथा जलसंस्थान के कार्यो की समीक्षा करते हुये श्री बंसल ने कहा कि रूसी बाईपास मे एसटीपी के उच्चीकरण एवं नई तकनीकी से प्लांट के निर्माण के लिए पेयजल निर्माण निगम द्वारा 49 करोड मे प्रस्ताव वर्ष 2017 में शासन को भेजा था। उन्होने बताया कि इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को शासन के निर्णय अनुसार इस प्रोजेक्ट को एडीबी द्वारा कराया जायेगा, सम्बन्धित संस्था द्वारा नई तकनीकी पर आधारित प्लांट निर्माण के लिए स्टीमेट बनाया जा रहा है जो कि जल्द ही शासन को प्रेषित किया जायेगा।


बैठक में जिलाधिकारी ने जलसंस्थान एवं पेयजल निगम के अधिकारियों से कहा कि नैनीताल शहर में कई ऐसे संवेदनशील इलाके है जहां सीवर की समस्या बनी रहती है। इन इलाकों केे सीवर लाइनों के सुधार के लिए जलसंस्थान एवं पेयजल निगम संयुक्त सर्वे कर  प्रस्ताव उपलब्ध करायें। उन्होने मस्जिद तिराहे के पास समय-असमय सीवर लाइन के चोक होने की समस्या के स्थायी निदान के भी निर्देश देते हुये प्रस्ताव तलब किया है। उन्होने बताया कि सीवर शोधन हेतु हरिनगर मे 0.45 एमएलडी, कृष्णापुर में 0.8 एमएलडी, रूसीगांव में 10 एमएलडी क्षमता  के एसटीपी स्थापित है। जबकि नारायणनगर में 0.45 एमएलडी एसटीपी का निर्माण कार्य प्रस्तावित है। उन्होने बताया कि वर्तमान मे हरिनगर एवं कृष्णापुर एसटीपी सुचारू रूप से कार्य कर रहे हैं जबकि रूसी एसटीपी पौण्ड आधारित तकनीकी पर निर्मित है जो कि वर्तमान मे केन्द्रीय प्रदूषण बोर्ड मानकों के अनुरूप प्रभावी रूप से कार्य नही कर पा रहा है इसलिए इस एसटीपी को नवीनतम तकनीकी पर उच्चीकृत किया जाना अति आवश्यक है।



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