चैन्नई की साफ्टवेयर कंपनी गोफ्रूगल ने पतंजलि से की करोड़ों की धोखाधड़ी




-साफ्टवेयर में देरी होने के चलते पतंजलि को हुआ 15 करोड़ का नुकसान
-अनुबंध के विपरीत जाकर चैन्नई की कंपनी ने कई बार की अतिरिक्त रकम की मांग
नवीन चौहान
चैन्नई की साफ्टवेयर बनाने वाली एक कंपनी ने बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को सवा दो करोड़ की चपत लगा दी गई है। जबकि अनुबंध के विपरीत जाकर चैन्नई की कंपनी ने साफ्टवेयर के लिए करीब चार करोड़ के अतिरिक्त धन की मांग की हैं। साफ्टवेयर में देरी होने के चलते पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को करीब 15 करोड़ का नुकसान हो चुका है। चैन्नई की गोफ्रगूल टैक्नालॉजी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की हरकतों से आजिज आकर पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के जनरल मैनेजर कविंद्र सिंह ने बहादराबाद पुलिस को तहरीर दी है। पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई है। पुलिस इस संबंध में जल्द ही मुकदमा दर्ज करने की तैयारी कर रही है।


पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ग्राम पदार्था के जनरल मैनेजर कविंद्र सिंह ने बहादराबाद पुलिस को दी तहरीर में बताया कि उनकी कंपनी को मेगा स्टोर, चिकित्सालय, सुपर डिस्ट्रीब्यूटर सप्लाई साफ्टवेयर की आवश्यकता थी। जिसके लिए 18 जुलाई 2018 को चैन्नई की गोफ्रूगल टैक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी, नंबर 11 नारायण कांपलेक्स सारथी नगर, विजय नगर ,वेला चैरी चैन्नई के डायरेक्टर कुमार वेंबू तथा चीफ मार्केटिंग ऑफिसर विजय हिंगे के साथ साफ्टवेयर बनाने और इंस्ट्राल करने के संबंध में मीटिंग की गई।कंपनी की ओर 6 अगस्त 2018 को प्रस्ताव भेजा गया।

इस मीटिंग के बात दोनों कंपनी के प्रबंधकों की बातचीत और तय शर्तांे के साथ दो करोड़ रुपये में अनुबंध हो गया। 23 अगस्त को पतंजलि आयुर्वेद व गोफ्रूगल कंपनी के बीच हरिद्वार के पदार्था में एक एमओयू हस्ताक्षर किया गया। 23 अगस्त और 29 अक्टूबर 2018 को पतंजलि की ओर से 50-50 लाख की अग्रिम धनराशि भी दे दी गई। पेशगी मिलने के बाद गोफ्रूगल कंपनी ने कार्य प्रारंभ करने की बात कही। लेकिन गोफूगल कंपनी ने डिस्ट्रीब्यूटर्स चेनल व वेयर हाउस एप्लीकेशन उपलब्ध कराने में देरी की जाने लगी। जब पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ने 28 नवंबर 2018 को कार्य में देरी का कारण पूछा तो चैन्नई की कंपनी ने एक करोड़ की रकम की अतिरिक्त मांग करनी शुरू कर दी। आरोप है कि कंपनी ने दो करोड़ का अनुबंध तीन करोड़ का कर दिया। 2 जनवरी 2019 को 25 लाख, 4 जनवरी को 50 लाख तथा आठ फरवरी को 50 लाख इन लोगों के विलंब करने, कार्य बीच में छोड़ने, कार्य बीच में छोड़ने की धमकी देने और उदयापन पर पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड द्वारा गोफ्रूगल कंपनी को उक्त धनराशि भुगतान कर दी गई। इस प्रकार आठ फरवरी तक पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड से दो करोड़ 25 लाख की धनराशि गोफ्रूगल कंपनी द्वारा हासिल कर ली गई। आरोप है कि पतंजलि के साफ्टवेयर कार्य के संबंध में कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल पाया। चैन्नई की कंपनी ने 16 फरवरी 2019 को एक ईमेल भेजकर 4 करोड़ अतिरिक्त धन की मांग की गई। 15 मार्च 2019 को एक धमकी भरा ईमेल भेजा गया। बिना अतिरिक्त पैंसा लिए कार्य पूरा करने से इंकार कर दिया गया। वहीं दूसरी ओर से साफ्टवेयर का इंतजार कर रही पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को करीब 15 करोड़ का खर्च वहन करना पड़ा। कंपनी ने साफ्टवेयर के कार्य को संपादित करने के लिए कई कर्मचारियों की तैनाती की गई। लेकिन चेन्नई की कंपनी की ओर से कोई सहयोग नही किया गया। पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को ठगी होने का एहसास हो गया। जिसके बाद पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ने षडयंत्र, धोखाधड़ी, अमानत में खयानत और धमकी देने का आरोप लगाते हुए पुलिस की शरण ली। पुलिस इस प्रकरण में जांच कर रही है। संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जायेगा।



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