नवीन चौहान,
हरिद्वार। उत्तराखंड सरकार के एक निर्णय से केदारनाथ धाम हैलीकाप्टर सर्विस से जाने वाले लाखों श्रद्धालुओं को तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। सरकार ने केदारनाथ हैलीकाप्टर सर्विस की टिकट बुकिंग करने का 60 फीसदी कोटा जीएमवीएन को दे दिया है। जबकि 40 फीसदी कोटा हैलीकाप्टर के आप्रेटर को दिया गया है। सरकार के इसी निर्णय से उत्तराखंड के हैलीकाप्टर सेवायें देने वाले टूर आप्रेटर को आपत्ति है। टूर आप्रेटर यात्रा शुरू होने से पूर्व ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर रहे है।
बताते चले कि उत्तराखंड के चार धाम यमुनोत्री, गंगोत्री और केदारनाथ व बदरीनाथ धाम की यात्रा में सबसे कठिन यात्रा केदारनाथ धाम की है। 14 किलोमीटर की कठिन चढ़ाई करने के बाद यात्री केदारनाथ पहुंचते है। वहां जाने के लिये घोड़ा, पालकी चलती है। जबकि विगत कुछ सालों से सरकार ने केदानाथ धाम के लिये हैलीकाप्टर सर्विस शुरू की थी। हैलीकाप्टर से बुजुर्ग और बीमार लोगों को भगवान केदारनाथ धाम के दर्शन करने में सुविधा होती थी। इन हैलीकाप्टर की सर्विस उत्तराखंड के निजी टूर आप्रेटर करते है। जिनकी बुकिंग भी आसानी से हो जाती है। लेकिन इस साल केदारनाथ धाम की हैलीकाप्टर सेवाओं पर संकट के बादल मंडराने लगे है। उसके पीछे उत्तराखंड सरकार का एक निर्णय है। सरकार ने केदारनाथ जाने के लिये हैलीकाप्टर के टिकट बुकिंग करने का 60 फीसदी कार्य जीएमवीएन को दे दिया है। जबकि 40 फीसदी हैलीकाप्टर संचालकों को दिया है। सरकार के इसी निर्णय पर उत्तराखंड के हैलीकाप्टर टूर आप्रेटर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर रहे है। निजी टूर आप्रेटरों का तर्क है कि सरकार ने श्रद्धालुओं को होने वाली परेशानी का कोई ध्यान नहीं रखा है। वही उत्तराखंड के आप्रेटरों की बुकिंग के रास्ते बंद कर दिये है। जिसके चलते वह श्रद्धालुओं की हैलीकाप्टर की बुकिंग को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।