नवीन चौहान,
हरिद्वार। उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध चार धाम यात्रा के मंदिरों के कपाट खुलने की तिथि सिर पर है लेकिन सरकार की तैयारियां सिफर है। सरकार की ओर से चार धाम यात्रा पर जाने वाले तीर्थ यात्रियों के लिये केदारनाथ हैलीकाप्टर सर्विस शुरू किये जाने को लेकर कोई प्लानिंग नहीं की गई है। जिसके चलते निजी टै्रवल एजेंसिया पूरी तरह से पशोपेश में है। टै्रवल एजेंट अपने तीर्थ यात्रियों को हैलीकाप्टर बुकिंग को लेकर कोई संतोषजनक जबाव नहीं दे पा रहे है। उत्तराखंड सरकार की इस उदासीनता के चलते गैर राज्यों से देवभूमि आने वाले यात्रियों में सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े होने लगे है।
बतादे कि उत्तराखंड के चार धाम यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ धाम की यात्रा 17 अप्रैल से शुरू हो रही है। 18 अप्रैल को यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट विधिवत पूजा अर्चना के शुरू श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिये जायेंगे। इसी के साथ 29 अप्रैल को बाबा केदारनाथ धाम और 30 अप्रैल को भगवान बदरी विशाल के मंदिरों के कपाट खोल दिये जायेंगे। उत्तराखंड के चारों धाम के दर्शनों के इस बार भारी संख्या में आस्थावान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है। लेकिन इस सबके बीच गुप्तकाशी के केदारनाथ धाम जाने के लिये चलने वाली हैलीकाप्टर सर्विस को लेकर उत्तराखंड सरकार की तैयारिया सवालों के घेरे में आ गई है। सरकार की ओर एक पॉलिसी बनाकर जीएमवीएन को हैलीकाप्टर बुकिंग का 60 फीसदी कार्य दिया गया था। वहीं निजी हैलीकाप्टर सर्विस देने वाली कंपनियों ने इस पॉलिसी का विरोध कर दिया। जिसके बाद सरकार और कंपनियों के बीच कोई सहमति नहीं बन पाई। सरकार की ओर से भी हैलीकाप्टर बुकिंग को लेकर कोई निर्णय नहीं किया गया। इस स्थिति में सबसे ज्यादा परेशानी उन श्रद्धालुओं को हो गई है जो केदारनाथ जाने के लिये हैलीकाप्टर सर्विस का उपयोग करते है। हरिद्वार के डायमंड टै्रवल एजेंसी के स्वामी अभिषेक अहलूवालिया ने बताया कि उत्तराखंड सरकार पर्यटन कारोबार को पूरी तरह से चौपट करना चाहती है। सरकार की बेरूखी के चलते उत्तराखंड सरकार की छवि धूमिल हो रही है। यात्री हैलीकाप्टर टिकट की बुकिंग के लिये पूछ रहे है और हम कोई जबाव देने की स्थिति में नहीं है। ऐसे में हमारी सभी बुकिंग प्रभावित हो रही है।