cbse ने लाखों स्टूडेंटस के जीवन से किया खिलबाड़, छात्र ट्रॉमा में




नवीन चौहान
सीबीएसई ने भौतिक विज्ञान के जटिल पेपर से देशभर के लाखों स्टूडेंटस के जीवन से खिलबाड़ कर दिया है। जिसके चलते तमाम पैरेंटस और स्टूडेंटस सीबीएसई से नाराज हो गए है। कई छात्र ट्रॉमा में है तो कुछ छात्र घर छोड़कर निकल गए है। स्कूल प्रबंधकों की ओर से फिजिक्स के पेपर को लेकर सीबीएसई को शिकायती पत्र भेजे जा रहे है। हरिद्वार के कई स्कूलों ने भी सीबीएसई को शिकायती पत्र भेजे है। देखना होगा कि मानव संसाधन मंत्रालय इस संबंध में सीबीएसई के खिलाफ कौन सी कार्रवाई करता है। जिससे सीबीएसई की शिक्षा प्रणाली में सुधार हो सके।
सीबीएसई निजी स्कूलों की माईबाप संस्था है। निजी स्कूलों की मामूली गलती पर भी धनराशि के तौर पर जुर्माना वसूलती है। निजी स्कूलों की मान्यता खत्म करने का खौफ दिखाकर प्रत्येक साल करोड़ों की रकम वसूलती है। ऐसे में तमाम निजी स्कूल सीबीएसई के खौफ में कार्य करते है। जिसके चलते निजी स्कूल बच्चों की समस्याओं को सीबीएसई के सामने तक रखने में संकोच करते है। लेकिन सीबीएसई की बोर्ड परीक्षाओं में फिजिक्स के पेपर को लेकर सीबीएसई की कार्य प्रणाली संदेह के घेरे में आ गई है। आखिरकार सीबीएसई 12वीं कक्षाओं के बच्चों के एग्जाम करा रही है या आईआईटी का एग्जाम। जिस तरह से जटिल प्रश्न पत्र बनाकर परीक्षार्थियों के सम्मुख रखा गया ये तो उनके भविष्य से खिलबाड़ करना ही हुआ। अभिभाव​क निजी स्कूलों पर भरोसा करते हुए अपने बच्चों को स्कूल भेजते है। प्रतिवर्ष लाखों की फीस भरते है। एक बच्चे पर प्रतिमाह पांच हजार से अधिक का खर्च करते है। ऐसे में बोर्ड परीक्षाओं में सीबीएसई की ओर से भेजे गए कठिन प्रश्न पत्र और उस प्रश्न पत्र में जो लापरवाही हुई उसके लिए कौन जिम्मेदार होगा। सीबीएसई इन बच्चों की मानसिक दशा में सुधार ला सकती है। गलत प्रश्नों के कारण बच्चों की अंकतालिका में जो प्रभाव पड़ेगा उसका जिम्मेदार कौन होगा। ​अगर कुल मिलाकर कहा जाए तो सीबीएसई ने अपने सभी विद्यार्थियों के साथ विश्वासघात किया है। इस विश्वासघात का भुगतान करना सीबीएसई के लिए संभव नही है। लेकिन सीबीएसई की इस लापरवाही के लिए ये तमाम बच्चे सीबीएसई को शायद ही माफ करें। इसी के साथ निजी स्कूलों में पढ़ने वाले तमाम छात्रों का सीबीएसई से भरोसा भी कम हुआ है। सीबीएसई की इस लापरवाही के संबंध में केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक जी का बयान लेने के लिए फोन किया गया था। जैसे ही उनसे बातचीत होगी पूरा प्रकरण उनके संज्ञान में लाया जायेगा। उनका पक्ष प्रकाशित कर दिया जायेगा।



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