सोनी चौहान
सीबीएसई बोर्ड ने सभी सीबीएसई स्कूलों को नोटिस भेजा है। बोर्ड ने कहा है कि कॉपियां जांचने में रेगुलर टीचर भी ही भेजा जायें। और अगर किसी स्कूल ने ऐसा नहीं किया तो उस स्कूल को मुसीबत का सामना करना पडेंगा। इस बार सीबीएसई सख्त नियमों को अपनाया। इसी के साथ ऐसे विद्यालयों पर सीबीएसई पांच लाख रुपये तक का जुर्माना लगा सकी है। इतना ही नहीं स्कूल की मान्यता भी जा सकती है। बोर्ड ने नियमावली सभी स्कूलों को भेज दी है।
सीबीएसई की 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं 15 फरवरी से 30 मार्च तक चलेंगी। बोर्ड ने इस बात पर सख्त आपत्ति जताई है कि कॉपियों के मूल्यांकन को तमाम स्कूल हल्के में लेते हैं। टेंपरेरी टीचर कॉपियां जांचने भेज दिए जाते हैं। इनकी जवाबदेही भी नहीं होती। जिसकी वजह से मूल्यांकन में गड़बड़ी होती है।
सीबीएसई के क्षेत्रीय अधिकारी रणबीर सिंह ने बताया कि बोर्ड के एफिलिएशन बायलॉज के नियम संख्या 14.4 के तहत सख्त प्रावधान है। यह नियम इस बार सख्ती से लागू हो रहा है। जो स्कूल इन नियमों का पालन नहीं करेगा। रेगुलर टीचर मूल्यांकन करने नहीं भेजेगा। उस स्कूल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बोर्ड द्वारा की जाने वाली कार्रवाई
पांच लाख रुपये तक का जुर्माना, स्कूल को सीनियर सेकेंडरी से डाउनग्रेड करके सेकेंडरी किया जा सकता है, कुछ सेक्शन पर रोक लगाई जा सकती है, दो साल के लिए छात्रों के बोर्ड एग्जाम पर रोक, एक निश्चित समयावधि के लिए स्कूल की मान्यता को सस्पेंड, स्कूल के पांच साल तक मान्यता का आवेदन करने पर रोक, कुछ विशेष विषयों की मान्यता खत्म, स्कूल की पूरी मान्यता भी खत्म,लिखित चेतावनी, बोर्ड अपने हिसाब से भी कोई जुर्माना लगा सकता है। जोकि सभी को मानना होगा।
पिछले साल बोर्ड ने कई टीचरों को दिये थे नोटिस
पिछले साल बोर्ड ने कई टीचरों को कॉपियों का गलत मूल्यांकन करने के लिए नोटिस जारी किया था। सीबीएसई देहरादून की कॉपियों के मूल्यांकन में पिछले साल भी कई टीचरों की गड़बड़ी पकड़ में आई थीं। इनमें से सरकारी स्कूलों के टीचरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए राज्य सरकार को पत्र भेजा था जबकि निजी स्कूलों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। बता दें कि सीबीएसई पिछले कई साल से मूल्यांकन को पूरी तरह से त्रुटिरहित बनाने पर काम कर रहा है।