सोनी चौहान
सीबीएसई बोर्ड ने इस बार यह निर्णय लिया है कि इस बार 10वीं और 12वीं बोर्ड एग्जाम की कॉपियां जांच ट्रेटा सॉफ्टवेयर के माध्यम से की जायेंगी। सीबीएसई इस बार कॉपियों की जांच के लिए थ्योरी इवेल्यूएशन ट्रेंड एनालिसिस (ट्रेटा) सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करेंगा। बोर्ड का मानना है कि इस सॉफ्टवेयर की मदद से मुश्किल सवालों की मार्किंग आसान से की जा सकती है।
ट्रेटा सॉफ्टवेयर का फायदा
ट्रेटा सॉफ्टवेयर का फायदा ये होगा कि छात्र अपनी समझ से जो भी उत्तर लिखेंगे उस पर अंक मिलेंगे। बोर्ड ने वर्ष 2018 के गणित और 12वीं के अर्थशास्त्र की दोबारा हुई परीक्षा के मूल्यांकन में इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया था। उसके बाद पिछले साल भी गणित, अर्थशास्त्र, फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी में इस सॉफ्टवेयर की मदद से अंक दिए गए।
ट्रेटा सॉफ्टवेयर क्या है
थ्योरी इवेल्यूएशन ट्रेंड एनालिसिस (ट्रेटा) सॉफ्टवेयर को हर मूल्यांकन केंद्र पर इस्तेमाल किया जाएगा। जिस उत्तर पुस्तिका में छात्र टेक्स्ट बुक की भाषा नहीं बल्कि अपनी भाषा में उत्तर देंगे, उसमें उत्तर पुस्तिका के औसतन अंक इस सॉफ्टवेयर की मदद से दिए जाएंगे। यानी अगर किसी छात्र ने किसी प्रश्न का उत्तर अपनी समझ के अनुसार दिया तो ऐसे जितने भी उत्तर रहेंगे। उसके लिए एक औसत अंक निर्धारित होंगे। वे अंक इस सॉफ्टवेयर की मदद से दिए जाएंगे। अपनी भाषा और समझ के साथ कॉपी में उत्तर लिखने का क्या फर्क पड़ा है, इसकी जानकारी भी सीबीएसई की ओर से दी जाएगी।