नवीन चौहान
क्लीनिकल स्टैब्लिशमेंट एक्ट को सख्ती से लागू करने की सरकार की पॉलिसी से नाराज निजी हॉस्पिटल के चिकित्सकों को मनाने में केबिनेट मंत्री मदन कौशिक भी नाकाम रहे। केबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से बात करने के बाद कोई समाधान निकालने का भरोसा निजी चिकित्सकों को दिया। जिसके बाद जनपद में निजी चिकित्सकों की हड़ताल टूटने की आखिरी उम्मीद भी खटाई में पड़ गई। वही आईएमए के अध्यक्ष डॉ जसप्रीत सिंह ने अपनी मांगे पूरी होने तक हड़ताल खत्म नही करने की चेतावनी दी है।
निजी क्लीनिक संचालकों और सरकार के बीच क्लीनिकल स्टैब्लिशमेंट एक्ट को लेकर छिड़ी लड़ाई बढ़ती जा रही है। पांच दिनों से जनपद के सभी निजी चिकित्सालयों में ताले लटके है। हालांकि ये हड़ताल पूरे प्रदेश में है। लेकिन हरिद्वार में आईएमए एसोशियेशन के साथ आयुष विभाग और नीमा संगठनों के एकजुट हो जाने से संगठनात्मक तौर पर मजबूती मिली है। मंगलवार की शाम को मध्य हरिद्वार स्थित एक होटल के हॉल में आयोजित आईएमए एसोसियेशन की बैठक में केबिनेट मंत्री मदन कौशिक पहुंचे। इस दौरान आईएमए अध्यक्ष डॉ जसप्रीत सिंह, डॉ राकेश सिंघल ने निजी चिकित्सालयों को संचालित किए जाने और एक्ट को लागू करने में आ रही परेशानियों की बावत केबिनेट मंत्री मदन कौशिक को विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि छोटे से स्थान पर संचालित हो रहे निजी चिकित्सालयों में एक्ट के मानक पूरे नहीं हो पायेंगे।
तमाम समस्याओं को सुनने के बाद केबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने कहा उनको सभी परेशानियों की जानकारी है। इस संबंध में वह खुद मुख्यमंत्री से वार्ता करने के बाद समाधान निकालने का प्रयास करेंगे। हालांकि केबिनेट मंत्री मदन कौशिक इस पूरे घटनाक्रम पर गोल मोल जवाब देते रहे। बैठक में डॉ हिमांशु त्यागी, डॉ संध्या शर्मा, डॉ राम शर्मा, डॉ एचके सिंह, डॉ दिनेश सिंह, डॉ श्रवण कुमार, डॉ राजीव चौधरी, डॉ सुशील शर्मा, डॉ भविष्य, डॉ संजय कपूर, डॉ एसके शर्मा, डॉ हरप्रीत सिंह, डॉ जयदेव नारंग, डॉ सुभाष चंद्रा, डॉ रमेश मिश्रा, डॉ रविंद्र, डॉ धीरज, डॉ तरूण, डॉ दिनेश, डॉ सुभाष सहित सैकड़ों प्राइवेट अस्पताल के चिकित्सक मौजूद रहे।