उत्तराखंड में पर्यटकों से जुड़े कारोबारी बर्बादी की कगार पर, बैंक कर रहा वसूली




नवीन चौहान
उत्तराखंड में पर्यटकों से जुड़े तमाम कारोबारी बर्बादी की कगार पर पहुंच चुके है। हरिद्वार की बात करें तो यहां की स्थिति बहुत दयनीय है। कार्तिक पूर्णिमा के स्थगित होने के बाद से कुंभ पर्व में होने वाली आमदनी की आस भी टूट चुकी है। कुछ ऐसा ही हाल वाहन स्वामियों का है। ट्रैवल कारोबार ने दम तोड़ दिया है। हरकी पैड़ी के दुकानदार ग्राहकों के दर्शनों को तरस गए है। वही दूसरी ओर बैंकों की ओर से किस्तों की वसूली के लिए दनदनादन फोन आ रहे है। कई कारोबारियों के बैंक लोन एनपीए होने की कगार पर पहुंच चुके है। कारोबारियों को किस्त चुका पाना असंभव सा हो गया है। ऐसे में कारोबारियों को मुसीबतों भरे दिन गुजारना कष्टकारी हो रहा है।
कोरोना संक्रमण के बाद से उत्तराखंड का पर्यटन कारोबार पूरी तरह से चौपट है। पर्यटकों से जुड़े तमाम कारोबारी मुसीबतों का सामना कर रहे है। होटल, ट्रैवल, दुकानदान सभी हाथ पर हाथ रखकर बैठे है। इनके पास करने के लिए कोई काम नही है। आमदनी का कोई साधन नही है। कोरोना संक्रमण में अनलॉक शुरू होने के बाद कुछ काम की उम्मीद जगी थी। लेकिन कोरोना ने एक बार से दस्तक दी तो वह आस भी टूटती नजर आ रही है। हरिद्वार के दुकानदारों से बात की गई तो उनकी दयनीय स्थिति का अंदाजा हुआ। होटल संचालक ने बताया कि बैंकों से लगातार किस्त जमा करने के लिए फोन आ रहे है। बिजली बिल बकाया चला आ रहा है। कर्मचारियों को वेतन देने का संकट है। पर्यटक गायब है। सरकार की नई—नई गाइड लाइन रातों की नींद उडा रही है। कल लॉकडाउन लगेगा या अनलॉक होगा ये पता नहीं। लेकिन कुछ मिलाकर हम तो बर्बादी के कगार पर है।

कुछ ऐसा ही हाल हरकी पैड़ी के समीप दुकान कारोबारी गगन नामदेव का है। उन्होंने बताया कि अगर मोबाइल ना होता तो वक्त गुजारना भी मुश्किल था। मोबाइल पर गेम खेलकर तनाव दूर करते रहते है। ऐसे में राज्य सरकार को इन दुकानदारों के हितों को ध्यान में रखते हुए गाइड लाइन बनाने की जरूरत है।



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *