उत्तराखण्ड पुलिस ने बच्चों को अगवा कर बेचने वाले गिरोह का किया पर्दाफाश, आरोपी गिरफ्तार




नवीन चौहान
रविवार देर शाम ऊधमसिंहनगर के थाना ट्रांजिट कैंप से घर के बाहर खेल रहे मासूम का अपहरण करने की घटना का उत्तराखण्ड पुलिस ने खुलासा किया है। पुलिस ने अगवा बच्चे सहित दो वर्ष पूर्व इसी तरह अपहृत करके बेचे गए बच्चे को बरामद कर लिया है। इस प्रकरण में तीन महिलाओं समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है। घटना में शामिल महिला अपने नाबालिग बच्चों के जरिए पार्क में खेल रहे बच्चों को बुलवाती थी और फिर अपनी महिला मित्र की मदद से बच्चे को बेच दिया जाता था।
रविवार देर शाम को थाना ट्रांजिट कैंप में आजाद नगर में किराए पर रह रही भगवानदेई पत्नी राकेश मौर्य ने अपने 3 वर्षीय शिवा के दुर्गा मंदिर मैदान से खेलते समय गुम होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस टीम मासूम की तलाश में जुट गई और शिवा को बरेली जिले से बरामद किया। शिवा के साथ ही वर्ष 2017 में लातपा हुआ शमशान घाट रोड ट्रांजिट कैंप निवासी चरन सिंह के पुत्र शिवम् को भी बरामद किया है। दोनों बच्चे बरेली क्षेत्र से बरामद किये। शिवा को गीता नाम की महिला ने अपने नाबालिंग पुत्र से बुलवा कर बरेली ले जाकर बेच दिया। गीता ने बच्चे को संतोष नाम की महिला के जरिये मालदेई निवासी थाना शाही बरेली के ग्राम लांबाखेड़ा को बेच दिया था। पुलिस ने तीनों महिलाओं के साथ छंगेलाल निवासी शाही बरेली को भी गिरफ्तार किया है। बच्चे 40 एवं 15 हजार रूपए में बेचे गये थे। पुलिस दोनों बच्चों को सकुशल बरामद कर परिजनों के सुपुर्द कर दिया है।
उत्तराखण्ड पुलिस की त्वरित कार्यवाही से एक नहीं बल्कि दो बच्चों की मां की आंखों में खुशी के आंसू आ गए। पुलिस ने त्वरित एक्शन लेते हुए सीसीटीवी फुटेज खंगाले और जो दो नाबालिग बच्चों को ले जाते दिखे उनकी शिनाख्त करा कर केस वर्कआउट कर दिया। शिवम के परिजन तो बेटे की बरामदगी की उम्मीद ही छोड़ बैठे थे। पुलिस की इस कार्रवाई की लोगों ने खुले मन से प्रशंसा की है।

बच्चा चोर गिरोह का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को  आईपीएस अशोक कुमार, डीजी एलओ ने 10 हजार रुपये का ईनाम देने की घोषणा की है।



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