बच्चे से करते हो प्यार तो एआरटीओ से आज ही करो फोन पर बात




नवीन चौहान

अगर आप अपने बच्चे से सचमुच बहुत प्यार करते है तो उसकी सुरक्षा से कोई समझौता ना करें। बच्चे को स्कूल भेजने वाले वाहन के दस्तावेजों की पूरी छानबीन करें। बच्चे के स्कूल वाहन के फिटनेस, परमिट और चालक के लाईसेंस का रिकार्ड अपने पास जरूर रखें। अगर वो वाहन स्कूल वैन में रजिस्टर्ड नही है तो किसी भी दुर्घटना की स्थिति में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। स्कूली बच्चों की सुरक्षा की बाबत एआरटीओ (प्रवर्तन ) सुरेंद्र कुमार ने बड़ा कदम उठाया है। बच्चों को स्कूल ले जाने वाले सभी ऑटो, वैन और बस जो भी मानकों के अनुरूप नहीं होंगे, उन सभी के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाने की तैयारी की है। वही दूसरी ओर अभिभावकों की जागरूकता के लिए एआरटीओ ने अपना सरकारी मोबाइल नंबर भी जनता को दिया है। अगर किसी अभिभावक को स्कूल वाहन के पंजीकरण संबंधी कोई भी जानकारी करनी हो जो वह 9411112156 पर फोन कर जानकारी प्राप्त कर सकते है। इसके अलावा जिला मुख्य शिक्षा अधिकारी के माध्यम से भी स्कूलों को नोटिस जारी कराया जायेगा।

एआरटीओ सुरेंद्र कुमार ने शनिवार को चेकिंग के दौरान एक टैंपो ट्रैवलर यूके08जी-9817 को बिना कर चुकाए स्कूली बच्चों को ले जाते हुए पकड़ा। जब वाहन के कागजों की छानबीन की गई तो उसका फिटनेस प्रमाण पत्र और परमिट की वैधता का नवीनीकरण नही हुआ था। ऐसे में अगर इस वाहन से कोई दुर्घटना हो जाती तो अभिभावकों को कोई मुआवजा इत्यादि नही मिलता। ये पूरा मामला मानकों के उल्लघंन का है। इस गंभीर हकीकत का खुलासा होने के बादएआरटीओ सुरेंद्र कुमार ने जनपद के सभी स्कूलों में संचालित होने वाले वाहनों पर शिकंजा कसने की ठान ली। उन्होंने बच्चों की सुरक्षा के लिए यातायात नियमों और मानकों का सख्ती से पालन कराने के लिए वृहद स्तर पर कार्य योजना तैयार की। जिसके लिए जिला शिक्षा विभाग को भी जोड़ा गया। एआरटीओ सुरेंद्र कुमार ने सभी अभिभावकों से अपील करते हुए बताया है कि आप अपने बच्चे को जिस वाहन से स्कूल भेजते है। उस वाहन की जानकारी परिवहन विभाग से जरूर करें। वाहन के पंजीकरण, फिटनेस और परमिट संबंधी सभी कागजात के प्रमाणित होने की जानकारी होनी चाहिए। अगर वाहन चालक और मालिक आपको कागज नही दिखा रहा है तो आप 9411112156 पर फोन करके कर सकते है। इससे आपकी और हमारी संतुष्टि भी हो जायेगी। बताया कि बच्चों को जिस भी वाहन में स्कूल भेंजे वो कमर्शियल होना चाहिए। किसी भी निजी वाहन में बच्चों को स्कूल ना भेजा जाए।



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