कृषि मंत्री ने की किसानों के लिए टेली एग्रीकल्चर की शुरुआत




संजीव शर्मा
सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में शनिवार को उत्तर प्रदेश के कृषि कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने विश्वविद्यालय में चल रही विभिन्न परियोजनाओं का निरीक्षण एवं समीक्षा बैठक की। इस अवसर पर राज्यसभा सांसद ठाकुर विजय पाल सिंह तोमर, विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर आरके मित्तल तथा प्रबंध परिषद के सदस्य मनोहर कुमार की उपस्थिति में टैली एग्रीकल्चर सेवा का शुभारंभ किया गया।
प्रदेश के कृषि मंत्री ने कोविड-19 महामारी के दौरान अन्नदाता की सेवा के लिए व्हाट्सएप मोबाइल सेवा का शुभारंभ किया। इस सेवा के द्वारा किसानों को अपने घर तथा गांव में रहते हुए विभिन्न फसलों की प्रजातियों के बारे में मृदा की उर्वरा शक्ति को बनाए रखने के बारे में पोषण सुरक्षा फसलों में लगने वाली विभिन्न रोगों की पहचान और उनका निदान कीटों की पहचान एवं उनका निदान टेली एग्रीकल्चर क्या जा सकेगा। इस सुविधा के लिए विश्वविद्यालय स्तर पर विभिन्न विषय विशेषज्ञों की एक समिति गठित की गई है जो कि यथाशीघ्र कृषि संबंधित समस्याओं का समाधान किसानों को उपलब्ध करा सकेंगे। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर आरके मित्तल ने वैज्ञानिकों को स्पष्ट दिशा निर्देश देते हुए कहा कि किसानों की हर समस्या का समाधान करने के लिए विश्वविद्यालय निरंतर प्रयासरत है। विश्वविद्यालय का प्रयास है कि जल्द से जल्द किसानों की विभिन्न प्रकार की समस्याओं का हल करने हेतु वैज्ञानिक तत्पर रहें। जिससे किसानों की उत्पादकता बड़े और उनकी आय में बढ़ोतरी हो सके।
कृषि मंत्री ने विश्वविद्यालय में वृक्षारोपण भी किया इसके उपरांत कृषि मंत्री एवं राज्यसभा सांसद विजय पाल सिंह तोमर द्वारा विश्वविद्यालय में स्थित मछली पालन केंद्र, मुर्गी पालन अनुसंधान केंद्र, उद्यान अनुसंधान केंद्र, बासमती धान उत्पादन क्षेत्र आदि का भी निरीक्षण किया गया तथा छात्रों द्वारा लगाए गए विभिन्न फसलों के परीक्षण का भी अवलोकन किया। इसके उपरांत विश्व विद्यालय के समस्त निर्देश को एवं अधिष्ठाताओं के साथ बैठक की जिसमें कि उन्होंने किसानों की आय दोगुना करने एवं पशुपालन संबंधी जानकारी किसानों तक किस प्रकार पहुंचाई जाए इसकी भी चर्चा की। कृषि मंत्री द्वारा विश्वविद्यालय में सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति पर माल्यार्पण किया तथा विश्वविद्यालय में चल रही शोध परियोजनाओं का निरीक्षण किया। उन्होंने जैविक फसल उत्पादन क्षेत्र का शुभारंभ किया। इसके उपरांत गोल्डन जुबली चारा उद्यान का भी शुभारंभ किया।
इस अवसर पर डॉक्टर एस के सचान, डॉ अनिल सिरोही, डॉक्टर बीआर सिंह, डॉ एन एस राणा, प्रोफेसर शमशेर, डॉ राजवीर सिंह, डॉ रविंद्र कुमार, डॉ आर एस सेंगर, डॉक्टर हरिओम कटियार, डॉक्टर गोपाल सिंह, डॉक्टर कमल खिलाड़ी, डॉक्टर डीएन मिश्रा, डॉक्टर डीवी सिंह, डॉ डीके सिंह, डॉक्टर शिशुपाल सिंह, डॉक्टर दीपक सिसोदिया, मनोज सेंगर, डॉ आरबी यादव, डॉ बीपी ध्यानी, डॉक्टर सत्यप्रकाश आदि मौजूद रहे।



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