अधिवक्ता अरूण भदौरिया के एक नोटिस से जिला प्रशासन में हड़कंप




नवीन चौहान
हरिद्वार के वरिष्ठ अधिवक्ता अरूण भदौरिया के एक नोटिस से जिला प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। जिला प्रशासन के अधिकारी अधिवक्ता के नोटिस मिलने के बाद विधिक राय शुमारी कर रहे है। हरिद्वार जिला प्रशासन यह जानने का प्रयास कर रहा है कि इस नोटिस के क्रम में विधित बाध्यता बनती है नही। जिसके बाद जिला प्रशासन अगला कदम उठायेगा। पूरा प्रकरण हरिद्वार में गुलदार को लेकर है। अधिवक्ता ने अपने नोटिस के माध्यम से हरिद्वार जिला प्रशासन और वन अधिकारियों को गुलदार के आतंक से निजात दिलाने के संबंध में उनकी नैतिक जिम्मेदारी का बोध कराया था।
बताते चले कि गत दिनों हरिद्वार के ग्रामीण इलाकों के बाद शहरी क्षेत्रों में भेल की सीमा से सटे इलाकों में गुलदार का आतंक छाया हुआ था। गुलदार के आने की सूचना पर क्षेत्र के लोग दहशत में रहने लगे थे। छोटे बच्चे बेहद घबराने लगे। इसी गंभीर प्रकरण को लेकर वरिष्ठ अधिवक्ता अरूण भदौरिया ने एक नवंबर 2019 को जिलाधिकारी दीपेंद्र चौधरी,राजाजी नेशनल पार्क के डीएफओ आकाश वर्मा और वन मंत्री हरक सिंह रावत को एक कानूनी नोटिस भेजा। अधिवक्ता ने नोटिस में बताया कि गुलदार के भय से बीएचईएल, सिडकुल, न्यायालय परिसर व आसपास के क्षेत्रों में तमाम स्कूल है। जहां छोटे बच्चे रहते है। यहां पर लगातार गुलदार आ रहा है। गुलदार के कारण क्षेत्र में भय व्याप्त है। अत: जिला प्रशासन गुलदार को पकड़कर जाने की कार्रवाई को सुरक्षित करें। ताकि कोई अनहोनी ना घटित हो। इस नोटिस मिलने के बाद कोई अनहोनी होती है तो पीड़ित की पूरी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी। जिलाधिकारी दीपेंद्र चौधरी ने नोटिस मिलने के बाद 14 नवंबर 2019 को वनाधिकारी आकाश वर्मा को पत्र जारी कर अधिवक्ता अरूण भदौरिया के नोटिस का जबाव देने के निर्देश दिए। इसी क्रम में डीएफओ आकाश वर्मा ने 7 दिसंबर 2019 को जिला शासकीय अधिवक्ता को पत्र भेजकर नोटिस के संबंध में विधिक राय ली है।



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