नवीन चौहान
हरिद्वार डाम कोठी में रिंग रोड निर्माण करने को लेकर अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश की अध्यक्षता में डीएम दीपक रावत और एसएसपी जन्मेजय खंडूरी व वन विभाग और टाइगर रिर्जब पार्क के अधिकारियों की मौजदूगी में महत्वपूर्ण बैठक चल रही थी। हाईवे इंजीनियरिंग कंसलटेंट राजेश ने स्क्रीन पर प्रजेंटेशन शुरू किया। इसी दौरान अचानक बिजली गुल हो गई। करीब पांच मिनट तक अधिकारी इधर—उधर देखते रहे। बैठक में मौजूद बिजली विभाग के अधिशासी अभियंता ने तत्काल बिजली चालू कराई। जिसके बाद प्रजेंटेशन शुरू हो पाया। अंधेरे में अधिकारी करीब पांच मिनट तक बैठे रहे। इस दौरान जनरेटर भी नहीं चल पाया।
उत्तराखंड प्रदेश बिजली निर्माण के लिए जाना जाता हैं। लेकिन इस प्रदेश में बिजली की व्यवस्था सबसे ज्यादा खराब हैं। बिजली कब गायब हो जाए इस बात की जानकारी किसी को नहीं होती। उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली देने के दावे खोखले साबित हुए है। बिजली विभाग के दावों की पोल एक बैठक के दौरान भी खुल गई। हरिद्वार में रिंग रोड निर्माण करने को लेकर अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश की अध्यक्षता में डामकोठी में बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में अचानक बिजली चली गई। जिस कारण प्रजेंटेशन दिखाने का कार्य करीब पांच मिनट तक रूका रहा। लेकिन सवाल उठता है कि उत्तराखंड सरकार और जिला प्रशासन इन महत्वपूर्ण बैठक को लेकर पूरी तरह संवेदनशील नहीं है। अगर वास्तव में होते तो कम से कम इस बैठक के दौरान तो बिजली नहीं जाती।