निकम्मे और आलसी लोगों की सेहत का पूरा ख्याल रखेगी मोदी सरकार, जानिए पूरी खबर




नवीन चौहान, हरिद्वार। देश के निकम्मे और आलसी लोगों की सेहत का पूरा ख्याल रखने की तैयारी मोदी सरकार ने कर ली है। आप आलसी और कोई काम काज नहीं करते हो तो चिंता की कोई बात नहीं है। आयुष्मान योजना का कार्ड बनवाकर स्वास्थ्य का पूरा लाभ ले सकते है। सरकार के द्वारा चयनित प्राइवेट अस्पतालों में आपको पूरा आराम करने का मौका मिलेगा। अस्पताल में मौजूद चिकित्सक और नर्स भी आपको जल्दी से छुट्टी देने की कोई जल्दबाजी नहीं करेंगे। ऐसे में भी अगर आपके मन में मेहनत करने का ख्याल आ गया तो आप इस योजना से वंचित हो जायेंगे।
केंद्र की मोदी सरकार ने आयुष्मान योजना का शुभारंभ पूरे देश में उत्साह के साथ किया हैं। इस योजना का उद्देश्य बेहद गरीब लोगों को निशुल्क चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराना है। जिसके लिये सरकार की ओर से प्राइवेट अस्पताओं को एक पैनल में रखा गया है। एक गरीब परिवार का पांच लाख का खर्च सरकार उठायेगी। इस योजना का लाभ उन तमाम लोगों को मिलेगा जो बेहद गरीब है। जिनके घर में दो पहिया वाहन और रहने के लिये छत तक नहीं हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या मोदी सरकार ने इस योजना का शुभारंभ देश के भिखारियों के लिये किया है। या आलसी और निकम्मे लोगों के लिये किया हैं। यदि वास्तव में मोदी सरकार गरीबों को स्वस्थ रखना चाहती तो परिवार की आर्थिक स्थिति के अनुसार ही इस योजना में शामिल किया जाना चाहिये। जिस परिवार की वार्षिक आय एक लाख दो लाख और तीन लाख है तो उसी के अनुरूप परिवार को स्वास्थ्य कार्ड दिया जाये। ऐसा करने से देश के अधिक से अधिक परिवारों को आयुष्मान योजना लाभ मिलेगा और मेहनत करने की गुंजाइश भी बनी रहेगी।
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पत्रकार भी नहीं ले सकते लाभ
लोकतंत्र को आईना दिखाने का कार्य करने वाले पत्रकार भी इस योजना का लाभ नहीं ले सकते है। देश में सैंकड़ों साप्ताहिक, पाक्षिक, मासिक पत्र पत्रिकाओं का संपादन करने वाले संपादक और पत्रकार भी आर्थिक संकट के दौर से गुजरते है। कुछ पत्रकारों की मृत्यु इलाज के अभाव में हो जाती है। क्योकि पत्रकारों के पास दो पहिया वाहन होता है टीवी होती है तो वो भी इस आयुष्मान योजना का लाभ नहीं ले सकते हैं।
निजी अस्पताल में होगी लूट खसोट
केंद्र की आयुष्मान योजना को सफल बनाने के लिये सभी प्रदेशों के जनपदों में प्राइवेट अस्पतालों को पैनल में लेने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। पैनल में चयनित अस्पताल पांच लाख तक के खर्च के इलाज की सुविधा मरीजों को देंगे। इस पैनल में आने के बाद अस्पताल मरीजों को कई-कई दिनों तक अस्पताल में भर्ती रखेंगे। मरीजों के टेस्ट किये जायेगे। अस्पताल की जेब गरम होगी और आलसी लोगों को पूरा आराम मिलेगा। इस योजना में अस्पतालों की लूट खसोट करने का सिलसिला बढ़ जायेगा। ये योजना निजी और मृत अस्पतालों के लिये संजीवनी का कार्य करेंगी। ये अस्पताल खोज-खोज कर लोगों को भर्ती करेंगे और इनका बिल सरकार को प्रस्तुत करेंगे।



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