प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश की ख्याति को विश्व भर में चमका रहे हैं-महंत नरेन्द्र गिरि




हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि महाराज ने बताया कि जो बैठक 16 मार्च को हरिद्वार में दक्ष प्रजापति पर फर्जी शंकराचार्यो और फर्जी महामण्डलेश्वरों को लेकर होनी थी वह बैठक अब इलाहाबाद में 30 अप्रैल को होगी जिसमें सभी 13 अखाड़े भाग लेगें और जो अपने आपको फर्जी शंकराचार्य घोषित कर रहे हैं। उनके विरुद्ध अखाड़ा परिषद प्रस्ताव पास करके कार्यवाही की जायेगी। महंत नरेन्द्र गिरि महाराज ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश की ख्याति को विश्व भर में चमका रहे हैं आर्थिक रूप देश सम्पन्नता की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने योगगुरू बाबा रामदेव विश्व भर में ऋषि मुनियों के इस भारत को योग के माध्यम से जोड़कर विश्व भर में प्रसिद्धि दिलाने का काम कर रहे हैं। महंत नरेन्द्र गिरि आज कनखल श्री पंचायती नया उदासीन अखाड़े के संतों के साथ चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद संतों की सर्वाेत्तम संस्था हैं जो संत महंत अखाड़ा परिषद के नियमों का पालन नहीं करेगा उसके विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि अभी हाल में यूपी और उत्तराखण्ड में जो भाजपा को प्रचण्ड बहुमत मिला है वह अपने आपमें एक चमत्कार से कम नहीं है। भाजपा को विजय को दिलाने में अहम भूमिका भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को इसका श्रेय जाता है। मुझे पूरी उम्मीद है कि यूपी और उत्तराखण्ड में जो आश्रमों और अखाड़ों पर टैक्स लगाये जा रहे थे वह अब नई सरकार नहीं लगायेगी और मुझे आशा है कि अब अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण होने मेें जो अड़चनें आ रही थी वह स्वतः ही समाप्त हो रही है। संतों महंतों के सानिध्य में और केन्द्र की सरकार शीघ्र राम मंदिर का निर्माण शुरू कर सकेगी ऐसी मुझे पूर्ण आशा है। श्री पंचायती नया अखाड़ा के मुखिया महंत भगतराम ने बताया कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के निर्णय को सभी आश्रम अखाड़ों के संतों को मानना चाहिये क्योंकि अखाड़ा परिषद संतों महंतों के प्रति कर्तत्वनिष्ठ है। उन्होंने बताया कि 30 अप्रैल को इलाहाबाद में होने वाली अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक अपने आप में बहुत ही महत्वूपर्ण होगी। जिसमें सभी अखाड़ों के सानिध्य में कई मुख्य निर्णय लिये जायेगें। इस अवसर पर महंत धूनीदास, महंत मोहनदास, महंत रविन्द्र पुरी, महंत आकाश मुनि, महंत अम्बिका पुरी सहित कई संत महंतों ने इस चर्चा मंे भाग लिया।


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