मेरठ। विजया दशमी पर आरएसएस का स्थापना दिवस मना रहे कार्यकर्ताओं ने पथ संचालन किया। 91 साल बाद कार्यकर्ता हाफ पेंट की बजाय भूरे रंग की पतलून में नजर आए। जैन नगर पार्क में शस्त्र पूजा के बाद स्वयं सेवकों को संबोधित किया। हाथों में लाठियां लिए सेवकों ने पथ संचालन आनन्दपुरी, देवपुरी, ईदगाह, रेलवे रोड होते हुए जैन नगर में समाप्त किया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डा. अरुण सोलंकी प्रान्त संयोजक धर्मजागरण ने अपने उद्बोधन में कहा यह उत्सव अधर्म पर धर्म की विजय का पर्व है। यह शक्ति व विजय का पर्व है, साथ-साथ हमें ऐतिहासिक विजयों का भी स्मरण कराता है। रावण पर राम की विजय विशेष रूप से प्रसिद्ध है। वर्तमान समय में रावण आतंकवाद के रूप में विकट रूप से प्रकट हुआ है। पूरा विश्व इस ‘रावण’ की चपेट में है। आतंकवादी के लिए धर्मस्थान, विद्यालय, बच्चें, महिलाएं, वृद्ध कोई मायने नहीं रखते हैं। ऐसा अनुमान है कि प्रतिदिन 400 व्यक्ति आतंकवाद के कारण जीवन खो देते हैं। इस आतंकवाद पर भी हमें विजय प्राप्त करनी है। इसके लिए प्रयास करने होंगे। कहा कि एक तो हमें अपने धर्म पर दृढ़ होना चाहिए दूसरा हमें संगठित होना चाहिए। संप्रदाय भेद, जाति भेद, वर्णभेद, प्रान्त भेद को भूलाकर एकरस होना चाहिए, क्योंकि ‘संघे शक्ति कलियुगे’। उद्बोधन के पश्चात पूर्ण गणवेशधारी स्वयंसेवकों द्वारा पथ संचलन किया गया। नगरवासियों ने स्वयंसेवकों पर पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। पथ संचलन से पूर्व प्रान्त संघचालक सूर्यप्रकाश टोंक, विनोद भारतीय व डा. अरुण सोलंकी ने शस्त्र पूजन किया।