नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी के 8 नवंबर 2016 को किए गए नोटबंदी के ऐलान के बाद 20 हजार रुपए या उससे ज्यादा का कैश गिफ्ट या चंदा लेने वालों को इसकी जानकारी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को देनी होगी। केंद्र सरकार ने शनिवार (11 फरवरी) को यह आदेश दिया है। इसके साथ ही इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने ऑपरेशन क्लीन मनी के तहत नोट बंदी के बाद जमा कराए गए अमाउंट पर ईमेल से पूछे गए सवाओं का ऑनलाइन जवाब देने देने की समयसीमा 10 फरवरी से बढ़ाकर 15 फरवरी कर दी गई है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को जवाब देते हुए समय बैंक से निकला गया कैश, पहचान वाले या बिना पैन के मिला कैश, अज्ञात लोगों से मिला कैश और पहले की इनकम या सेविंग अकाउंट में कैश का ब्यौरा अलग-अलग देना होगा। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट जवाब से संतुष्ट ना होने पर आगे इसकी जांच कर सकता है। दरअसल मोदी सरकार को शक है कि नोटबंदी के बाद पुराने नोटों को खपाने के लिए लोगों ने अपने नजदीकी लोगों को कैश में गिफ्ट या चंदा दिया है। इसी के चलते मोदी सरकार ने यह फैसला किया है।