कांवड़ यात्रा को सकुशल संपन्न कराने के लिए पुलिस अफसरों की मैराथन बैठक




नवीन चौहान
पुलिस महानिदेशक अनिल कुमार रतूड़ी की अध्यक्षता में 15 वीं अन्तर्राज्यीय व अन्तरइकाई समन्वय बैठक का आयोजन पुलिस आफिसर्स मैस, किशनपुर देहरादून के सभागार में किया गया। इस महत्वपूर्ण बैठक में कांवड़ मेले की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर मंथन किया गया। सुरक्षा के चाक चौबंद प्रबंध को लेकर रणनीति बनाई। पूर्व के कांवड़ मेले के खट्टे मीठे अनुभवों को साझा किया गया। इसके अलावा कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर सहमति बनाई गई। इस मेले में सबसे बड़ी भूमिका सोशल मीडिया की रहेगी। भ्रामक प्रचार को रोकना और सूचनाओं के आदान प्रदान में व्हाट्स ग्रुप की मदद से तालमेल बनाकर रखना होगा। (15th Inter State & Inter Agencies Coordination Meeting)
पुलिस महानिदेशक अनिल रतूडी ने कहा कि बैठक का उद्देश्य कांवड़ मेले के दौरान उत्तर प्रदेश, हिमाचल, हरियाणा, दिल्ली व अन्य एजेन्सियों के पारस्परिक सहयोग से शान्ति व कानून व्यवस्था बनाये रखना है। उन्होंने कहा कि कांवड मेले के दौरान साम्प्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने का प्रयास हो सकता है। अतः इस हेतु कांवड यात्रा के समस्त रूट में संवेदनशील स्थानों को चिन्हित कर पर्याप्त प्रशिक्षित पुलिस बल नियुक्त किए जाने एवं बीफ्रिंग की आवश्यकता है। कांवड़ यात्रा के दौरान इसके सकुशल संचालन के लिए सभी को समन्वय तालमेल की आश्यकता होगी। उन्होंने सभी अधिकारियों से अभी से कांवड़ मेले हेतु पुलिस प्रबन्ध किये जाने की तैयारियों में लगने की अपेक्षा की।
बैठक के प्रथम चरण में एसएसपी हरिद्वार जन्मेजय प्रभाकर खंडूरी ने कांवड़ मेले के दौरान किए जाने वाली पुलिस व्यवस्थाओं, यातायात प्रबन्धन, भीड़ नियन्त्रण, यात्रा रूट पर किये जाने वाले पुलिस प्रबन्ध, लाठी डन्डे, नुकीले भाले व अन्य हथियार लेकर चलने वाले कांवड़ियों पर प्रतिबन्ध, कांवड़ यात्रा के दौरान विगत वर्षो में होने वाली दुर्घटनाओं व पार्किंग आदि के बारे में प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने बताया की विगत 15-20 वर्षों से प्रत्येक वर्ष कांवड़ियों की संख्या में भारी वृद्धि हो रही है। वर्ष 2011 में 1.5 करोड़ कांवड़िये आये थे जो अब बढ़कर वर्ष 2019 में लगभग 3 करोड़ कांवड़ियों के आने की सम्भावना है। उन्होंने कांवड़ यात्रा की व्यवस्था में लगे सभी नोडल अधिकारियों का व्हाटस अप ग्रुप बनाने, अन्तर्राज्यीय बैरियरों पर संयुक्त पुलिस चैकिंग करने, यात्रा रूट पर लगने वाले लंगरो को निश्चित स्थान पर लगवाने, कांवड़ियों के उद्गम स्थल पर ही डीजे, लाठी डन्डे नियंत्रित करने, सोशल मीडिया पर भेजे जाने वाले संदेशों की निगरानी रखने आदि के सम्बन्ध में सभी अधिकारियों से सहयोग की अपील की।
बैठक के द्धितीय चरण में पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था उत्तराखण्ड अशोक कुमार ने कहा कि सीमावर्ती प्रदेशों से अपेक्षा की जाती है कि कांवड़ यात्रा के मार्गों का अपने-अपने जनपदों में व्यापक प्रचार-प्रसार करें। साथ ही कांवड़ यात्रा के दौरान चारधाम/मसूरी एवं देहरादून आने वाले यात्रियों के लिए हरिद्वार से हटकर तैयार किये गये अलग रुट का भी प्रचार-प्रसार किया जाये। कांवडिये जिस स्थान से आ रहे हैं वहां के सम्बन्धित थाने में यात्रा हेतु जाने वाले कुल कांवडियों की संख्या, गाड़ी नम्बर, मोबाईल नम्बर व ग्रुप-लीडर का नाम व मोबाईल नम्बर की सूचना दें जिससे उनपर नजर रखी जा सके।
अशोक कुमार द्वारा जघन्य अपराधों, अन्तर्राज्यीय अपराधी गैंग, इनामी बदमाशों फरार अपराधियों, मानव तस्करी, साईबर क्राइम आदि के सम्बन्ध में एक प्रस्तुति के माध्यम से अन्तराष्ट्रीय व अन्तर्राज्यीय सीमाओं पर अपराध नियंत्रण के लिए सूचनाओं के आदान-प्रदान व जनपद/स्पेशल यूनिटस की समन्वय बैठकों के आयोजन थानाध्यक्ष स्तर की मीटिंग किए जाने पर बल दिया। उन्होंन अन्तर्राज्यीय अपराधियों के सम्बन्ध में विवरण, डोजियर्स आदि का आदान-प्रदान किये जाने, सीमावर्ती जनपदों के थाना प्रभारियों की बैठक, सांप्रदायिक सोहार्द, मानव तस्करी, ड्रग पैडलर्स एवं ईनामी व वांछित अपराधियों की कड़ी निगरानी करने ओर इनके सम्बन्ध में जानकारी तुरन्त साझा करने पर बल दिया। नये अन्तर्राज्यीय गिरोहों को बारे में जानकारी साझा करने, साईबर अपराधों एवं आर्धिक अपराधों के सम्बन्ध में प्रभावी समन्वय स्थापित करने एवं सीमावर्ती क्षेत्रों में नियमित संयुक्त पैट्रोलिंग किये जाने पर भी बल दिया।
उन्होंने कहा कि कांवड़ियों से सोशल मीडिया से माध्यम से अपील की जायेगी की कांवड़ मेला को शान्तिपूर्वक सम्पन्न कराने में पुलिस का सहयोग करें।

बैठक के अन्तिम चरण में निम्न बिन्दुओं पर विचार विमर्श किया गयाः-

1. कांवड़ यात्रा के दौरान जुगाड़ वाहनों पर पूर्णतः प्रतिबन्ध, कांवडियों को नहर पटरी के प्रयोग के लिए प्रोत्साहित करने, कांवडियों को अपना परिचय पत्र साथ रखने, सात फीट से उंची कांवड न बनाये जाने, रेल की छतों पर यात्रा ना करने हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये। साथ ही शराब एवं मादक पदार्थों के सेवन न करने के सम्बन्ध में कांवड़ियों को जागरुक किया जाये।

2. अन्तर्राज्यीय बैरियरों/चैक पोस्ट- चिड़ियापूर बैरियर, नारसन चैक पोस्ट, लखनौता चैक पोस्ट, काली नदी बैरियर एवं गौवर्धन चैक पोस्ट पर संदिग्ध व्यक्तियों एवं वाहनों की सीमावर्ती प्रदेशों के साथ संयुक्त चैकिंग।

3. नेपाल व चीन सीमाओं के सन्दर्भ में सभी पुलिस संगठनों व सुरक्षा एजेन्सियों के मध्य सूचनाओं के आदान प्रदान समन्वय वैधानिक/अवैधानिक रास्तों व वाहनों की चैकिंग व सुरक्षा तथा महत्वपूर्ण पुलों आदि की सुरक्षा।

4. जालीमुद्रा के आवागमन व परिचालन को रोकने हेतु की जाने वाली कार्यवाहियां।

5. तिब्बत/नेपाल अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से होने वाली तस्करी की रोकथाम।

इस बैठक में उत्तरप्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, आईटीबीपी, एसएसबी, रेलवे सुरक्षा बल, आसूचना ब्यूरो के अधिकारियों ने प्रतिभाग किया। मीटिंग के संयोजक दीपम सेठ पुलिस महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, ने स्वागत उद्बोधन दिया तथा बैठक का संचालन श्रीमती प्रीति प्रियदर्शनी , पुलिस अधीक्षक, क्षेत्रीय, हल्द्वानी ने किया।
बैठक में यूपी के पुलिस महानिरीक्षक, सहारनपुर परिक्षेत्र शरद सचान, हरियाणा के पुलिस महानिरीक्षक, करनाल रेंज, योगेंद्र सिंह नेहरा, महानिरीक्षक, एसएसबी, रानीखेत श्याम सुंदर चतुर्वेदी, महानिरीक्षक आरपीएफ संजय सांस्कृतयान आदि अधिकारीयों ने भी अपनी-अपनी प्रस्तुतिकरण के माध्यम से कांवड़ मेले के सम्बन्ध में अपने विचार साझा किये।
इस बैठक में अपर पुलिस महानिदेशक, प्रशासन/अभिसूचना/सुरक्षा उत्तराखण्ड वी विनय कुमार, पुलिस महानिरीक्षक, पीएम संजय गुंज्याल, पुलिस महानिरीक्षक, गढवाल परिक्षेत्र अजय रौतेला, दिल्ली के एडिशनल सीपी एसएन मोसोबी,पंजाब के पुलिस उपमहानिरीक्षक अपराध एवं कानून व्यवस्था गुरप्रीत सिंह गिल, हिलाचल पुलिस अधीक्षक, सिरमौर, अजय कृष्ण शर्मा आदि अधिकारी उपस्थित रहे।



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