वित्त मंत्री ने घटाई इनकम टैक्स की दरें




नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इनकम टैक्स में मिडिल क्लास को राहत दी है। अब 5 लाख रुपए तक के सलाना आय पर सिर्फ 5 फीसदी टैक्स देना होगा। वित्त मंत्री ने टैक्स छूट के लिए न्यूनतम आय की सीमा को भी 2.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 3 लाख रुपए कर दिया है। इसका मतलब है कि अब 3 लाख रुपए की वार्षिक आय पर कोई टैक्स नहीं लगाया जाएगा।

बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने बताया कि देश में सिर्फ 24 लाख लोग साल भर में 10 लाख रुपए से अधिक आय की घोषणा करते हैं। वहीं 99 लाख लोगों ने अपनी वार्षिक आय को 2.5 लाख रुपए से कम घोषित किया है।

वित्त मंत्री ने 2.5 लाख से 5 लाख तक की आय वालों को राहत देते हुए टैक्स 5 फीसदी कर दिया है। पहले इसी आय सीमा पर 10 प्रतिशत का टैक्स देना पड़ता था। नई घोषणा के मुताबिक अब तीन लाख रुपए तक के सालाना आय वाले टैक्स देने वालों की श्रेणी में नहीं आएंगे। पहले यह सीमा ढाई लाख रुपए तक थी। यानी अब तीन लाख रुपए सालाना आय वालों से किसी प्रकार का टैक्स नहीं वसूला जाएगा।

इसके साथ ही अरुण जेटली ने कुछ अन्य बड़े ऐलान भी किए हैं। टैक्स छूट से राजस्व के नुकसान की भरपाई के लिए 50 लाख से 1 करोड़ के बीच सालाना आय वालों को 10 फीसदी सरचार्ज देना होगा। वहीं, 1 करोड़ से ज्यादा आय वालों पर 15 प्रतिशत का अधिभार जारी रहेगा।

वित्त मंत्री के मुताबिक, टैक्स घोषणा की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए ‘एक पृष्टीय फॉर्म’ लाने की योजना है। जेटली ने देश के सभी नागरिकों से अपील की है कि अगर वे ढाई से 5 लाख के बीच आय वर्ग में आते हैं तो 5 प्रतिशत टैक्स चुकाकर राष्ट्र निर्माण में भागीदार बनें।



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