मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के पक्ष में आ रही देवबंदी महिलाएं




सहारनपुर। तीन तलाक, बहु विवाह व कोमन सिविल कोर्ड के नाम पर मुस्लिम पर्सनल लॉ में छेडछाड़ किये जाने की कोशिश को नाकाम बनाने का बीड़ा अब मुस्लिम महिलाओं ने उठा लिया है। शुक्रवार को जामिया इलहामिया मदरसतुल बिनात की संचालिका आपा खुर्शीदा खातून ने कहा कि सरकार महिलाओं के नाम पर इस्लाम व मुसलमानों को बदनाम करने की साजिश रच रही है। इसका जवाब अब महिलाएं ही सड़कों पर उतर कर सरकार को देंगी।
मोहल्ला पठानपूरा स्थित जामिया इलहामिया मदरसतुल बिनात के प्रांगण में पत्रकारों से वार्ता करते हुए संस्था की संचालिका आपा खुर्शीदा खातून ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। तथा मुस्लिम पर्सनल लॉ पर सरकार के इस हमले ने मुसलमानों को एक प्लेटफार्म पर लाकर खड़ा कर दिया है। सरकार सोच नहीं सकती कि मुसलमान इस हमले का जवाब किस तरह दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे ऊपर तरह तरह के इलजाम लगाए गए, हमारे मासूम बच्चों को झूठे इलजामों में जेलों में ठूस दिया गया, हम चुप रहे। लेकिन शरीयत में हस्तक्षेप किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने दावा कि औरतें जितनी महफूज इस्लाम में हैं किसी ओर धर्म में नहीं हैं।
एक सवाल के जवाब में आपा खुर्शीदा ने कहा कि जो चंद औरतों मुस्लिम पर्सनल लॉ की मुखालफत कर रही हैं उन पर यहूदियत हावी है और वह इस्लाम की खुली दुश्मन हैं। उन्होंने कहा कि औरतें मुस्लिम घरानों में पूरी तरह महफूज हैं। मुस्लिम पर्सनल लॉ हमारी तंजीम हैं और सभी  औरतों पूरी शिद्दत के साथ पर्सनल लॉ की हिमायत करती हैं। उन्होंने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की हिमायत में चलाए जा रहे हस्ताक्षर अभियान  का पूर्ण समर्थन करते हुए कहा कि उनके द्वारा एक लाख फार्म पर हस्ताक्षर कराए जाएंगे और ग्रामीण महिलाओं को इस अभियान  से जोड़ा जाएगा। पत्रकार वार्ता के दौरान आपा आमना, जेनब खान, सफीना खान, गुल अफरोज सहित काफी संख्या में बुर्कानशीं महिलाएं मौजूद रहीं।
फोटो: मुस्लिम पर्सनल लॉ की हिमायत में पत्रकारों से वार्ता करती मुस्लिम महिलाएं।


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