मुलायम सिंह ने प्रो. रामगोपाल को 6 साल के लिए किया पार्टी से बाहर




लखनऊ: शिवपाल यादव ने कहा कि सीधा आरोप लगाकर बर्खास्त कर दिया गया, लेकिन हमें इसकी चिंता नहीं है हम फिर से नेता जी के नेतृत्व में चुनाव में जाएंगे। उन्होंने कहा कि जनता पूरी तरह से समाजवादी पार्टी के साथ है। उन्होंने कहा कि बहुत दिनों से कुछ लोग पार्टी को तोड़ने का काम कर रहे थे। शिवपाल ने नाम लिए बगैर रामगोपाल पर सीधा हमला बोला उन्होंने कहा कि कुछ नेता सीबीआई से बचने के लिए बीजेपी से मिल गए हैं।

समाजवादी पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने रामगोपाल यादव को 6 साल के लिए सभी पदों (राष्ट्रीय महासचिव और प्रवक्ता) और पार्टी से निष्कासित कर दिया है। इसे मुलायम सिंह यादव की तरफ से अब तक सबसे बड़ी कार्रवाई के तौर पर देखा जा रहा है। इसे अखिलेश के एक्शन का रिएक्शन के तौर पर भी देखा जा रहा है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में रविवार को शिवपाल यादव ने कहा रामगोपाल यादव का लेटर अब तक सभी ने पढ़ लिया होगा।

– यह सब मुख्यमंत्री समझ नहीं पा रहे हैं। वह अब तक तीन बार बीजेपी के बड़े नेता से मिल चुके हैं।

– ऐसा उन्होंने सीबीआई से बचने के लिए किया। यादव सिंह मामले में उनके बेटे अक्षय और बहू के खिलाफ CBI जांच चल रही है।

– रामगोपाल बीजेपी के एजेंट हैं। नेताजी का अपमान हममें से कोई बर्दाश्त नहीं करेगा। 

– उन्होंने भ्रम फैलाकर बिहार में गठबंधन तुड़वाया। मेरे खिलाफ भी रामगोपाल यादव ने खूब साजिश की है। पार्टी के हित में उन्होंने एक भी काम नहीं किया है।

-प्रोफेसर रामगोपाल अगर अपने ज्ञान का इस्तेमाल पार्टी को बढ़ाने में करते तो अच्छा होता। उनका रवैया तानाशाही हो चुका था। वह भ्रष्टाचारियों से मिल गए हैं।
-स्वार्थ के लिए रामगोपाल यादव ने कई हथकंडे अपनाए। नेताजी और पार्टी को धोखा दिया है। सीबीआई से अपने परिवार को बचाने के लिए रामगोपाल ने यह सब किया।
-यह पूरी तरह से बीजेपी से मिल गए हैं और उनके लिए काम कर रहे हैं। नेताजी और समाजवादी पार्टी को कमजोर करने में उन्होंने कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी।
-सपा के कार्यकर्ताओं को अपमानित और उनका शोषण किया। मैंने हमेशा से ईमानदारी से काम किया है। हमेशा प्रोफेसर तिकड़म करते रहें हैं। मुख्यमंत्री को यह समझना होगा कि कौन अपना सगा है और कौन पराया।
-बसपा सरकार में जब लोग जेल गए तो यह किसी से मिलने नहीं गए और जनेश्वरजी जब जेल में थे अब उनसे भी मिलने नहीं गए। इन्होंने ब्रजभूषण तिवारी समेत समाजवादी नेताओ का अपमान किया, लेकिन अब पराकाष्ठा हो गई है।

– चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी में गृहयुद्ध का ग्रहण लग गया है। चाचा-भतीजे के बीच की लड़ाई खाई में तब्दील हो गई है। सीएम अखिलेश आर या पार के मूड में आ चुके हैं और यही वजह है कि उन्होंने रविवार को हुई बैठक में बड़ा फैसला लेते हुए चाचा शिवपाल को ही मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया। उधर शिवपाल ने भतीजे के इस बड़े एक्शन पर भले ही जुबान से कोई रिएक्शन न दिया हो, लेकिन सारी सरकारी सुविधाएं वापस कर अपनी नाराजगी जाहिर कर दी है। शिवपाल यादव ने पार्टी कार्यालय के लोहिया सभागार में चार बर्खास्त मंत्रियों के साथ प्रेस कांफ्रेंस की।



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